जयपुर के गोविंददेव मंदिर में फागोत्सव की मची है धूम, खेली जा रही फूलों की होली
श्रीकृष्ण, राधा, गोपी, ग्वाले के स्वरूप बने बालकों ने फूलों की होली के बीच नृत्य किया.
चंग की थाप पर फाग के गीत, होली का भगवान के साथ भक्त ले रहे आनंद
फाल्गुन का महीना और रंगों की बात न हो, ऐसा तो हो नहीं सकता. जैसे जैसे होली का पर्व नजदीक आ रहा हैं वैसे ही शहर में जगह-जगह चंग की थाप पर फाग के गीत गूंज रहे हैं. कलाकारों की एक से बढकर एक फाग की प्रस्तुति पर उपस्थित लोगों को फाग की मस्ती लेने को मजबूर कर दिया.
गुंजा ओ रे छोरा नंद जी का फागण में रास रचा जा रे
गुलाल और रंगों से चेहरे श्वेत-लाल पोशाक में सजी धजे कलाकारों पर होली की खुमारी देखते ही बनी. ओ रे छोरा नंद जी का फागण में रास रचा जा रे, बाबा श्याम के दरबार मची रे होली , तुम झोली भर लो रंग और गुलाल से होली खेलन का आपा गिरधर गोपाल से, नैना नीचा करले श्याम ने रिझावली काई, जैसे फागुनी भजन पर कलाकारों ने काफी भक्तिमय नृत्य की.
नटखद नंदगोपाल का हुआ स्वागत
फूलों की होली में महिलाओं संग बच्चे भी खूब होली खेले. नटखट नंदगोपाल का फाल्गून में आगमन पर हर कोई कृष्ण भक्ति में लीन रहा. कृष्ण दरबार में गोपियां बनी समाज की महिलाएं श्याम के नाम में मग्न थी. हर तरफ श्रृद्धालु झूमते नज़र आ रहे थे. शहर के आराध्य होली की मस्ती में तर है. श्रीराधा-गोविंददेवजी मंदिर सहित शहर के लगभग प्रत्येक देवालय में सुबह से शाम तक फाग महोत्सव मनाया जा रहा है.
भक्तिरस ने दर्शकों का मन मोह लिया
मंदिर में चल रहे फागोत्सव के तहत इस आयोजन में कलाकारों ने फूलों की होली खेलते हुए भक्तिरस से श्रोताओं को भावविभोर कर दिया. यहां कृष्ण और राधा के वेश में नृत्य प्रस्तुतियों देते कलाकारों ने सभी का मन मोह लिया. उत्सव में कलाकारों ने आपसी तालमेल से दी गई प्रस्तुतियों से सबकी वाहवाही लूटी.
पूरी दूनिया में मशहूर है गोविंददेवजी मंदिर का फागउत्सव
गोविदंदेवजी मंदिर में हर साल मनाया जाने वाला फागोत्सव भारत ही नहीं विदेशों में भी मशहूर हैं. फागोत्सव विदेशी सैलानियों और श्रद्धालुओं के लिए खास आकर्षण का केंद्र रहता हैं. कई विदेशी सैलानी फागोत्सव कार्यक्रमों में भक्तिभाव से शामिल होकर आनंद उठाते हैं. हर बार की तरफ इस बार भी शास्त्रीय नृत्य संगीत और भजनों के सुरों से आध्यात्म का गुलाल बिखरा.