PHOTOS: दुनिया की 5 सबसे खौफनाक जगहें, जहां से खुलता है `नरक का दरवाजा`

Gates Of Hell On Earth: हमारा ग्रह बहुत अनोखा और खूबसूरत है. नदियां, झीलें, पहाड़, महासागर... यह धरती प्राकृतिक अजूबों से भरी हुई है. लेकिन इसी धरती पर कुछ जगहें ऐसी भी हैं जिन्हें इंसान ने कयामत से, बर्बादी से, तबाही से या नरक से जोड़कर देखा है. उन जगहों को `नरक का दरवाजा`, `नरक का मुहाना`, `दूसरी दुनिया का दरवाजा` और न जाने क्या-क्या कहा गया है. आइए, आपको पृथ्‍वी पर मौजूद ऐसी ही कुछ जगहों के बारे में बताते हैं.

दीपक वर्मा Thu, 15 Aug 2024-2:20 pm,
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तुर्कमेनिस्तान का दरवाजा गैस क्रेटर

दरवाजा गैस क्रेटर कैसे बना, यह साफ नहीं है. 1960 और 80 के दशक के बीच, सोवियत रिसर्चर्स तुर्कमेनिस्तान के काराकुम रेगिस्तान में जीवाश्म ईंधन की तलाश में खुदाई कर रहे थे. उनकी ड्रिलिंग के दौरान, गलती से एक रिग ढह गया, क्योंकि मिट्टी खिसक गई और एक विशाल गड्ढा दिखाई दिया.

यह क्रेटर लगातार अन्य गैसों के साथ मीथेन उत्सर्जित करता रहता है. चाहे जानबूझकर आग लगाई गई हो या दुर्घटनावश, यह गड्ढा 20वीं सदी के मध्य से जल रहा है. अंग्रेजी में, इसे अक्सर 'नरक का द्वार' कहा जाता है.

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नामीबिया का कंकाल तट

नामीबिया का कंकाल तट नाम से ही भयावह लगता है. सैन या बुशमैन लोग ऐतिहासिक रूप से भयंकर समुद्र के सामने उजाड़ रेगिस्तान को 'भगवान द्वारा क्रोध में बनाई गई भूमि' कहते हैं. पुर्तगाली नाविकों ने इस तटरेखा को 'नरक का द्वार' कहा, क्योंकि इसकी चट्टानों और कोहरे ने उनके कई जहाजों को बर्बाद कर दिया था. जो लोग जमीन पर उतरे उन्हें कठोर जलवायु का सामना करना पड़ा. 'कंकाल तट' को यह नाम वहां मौजूद व्हेल की हड्डियों और जहाज के अवशेषों से मिला है.

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साइबेरिया का बाटागे क्रेटर

बटागे क्रेटर दुनिया का सबसे बड़ा पर्माफ्रॉस्ट स्लंप है. यह 1900 के दशक के मध्य में वनों की कटाई के बाद उभरा है, लेकिन उससे पहले से ही इसकी अपनी धमक थी. स्लंप के आसपास साइबेरियाई टैगा में रहने वाले स्वदेशी याकूत लोगों के बीच, इस गड्ढे को अंडरवर्ल्ड के लिए एक 'गेट' के रूप में जाना जाता है. यहां पृथ्वी के हिलने पर गड्ढों से निकलने वाली तेज आवाजें गूंज सकती हैं.

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निकारागुआ का मसाया काल्डेरा

जमीन के नीचे कोई और दुनिया बसी भी तो उसका रास्ता ज्वालामुखियों से होकर जाएगा. दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक मगर फोटोजेनिक ज्वालामुखियों में से एक, निकारागुआ का मसाया काल्डेरा है. यहां के मूल निवासी कथित तौर पर ज्वालामुखी को भगवान मानते थे और इसे प्रसाद चढ़ाते थे.

स्पेनिश उपनिवेशवादियों ने 16वीं शताब्दी में काल्डेरा का लावा झील पर आने के बाद उस पर्वत को 'मसाया का नरक' नाम दिया था. मसाया एक बहुत ही सक्रिय ज्वालामुखी है और 2015 से लगातार फट रहा है, जिससे गैस और भाप निकल रही है और लावा बुदबुदा रहा है.

 

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आइसलैंड का माउंट हेक्ला

आइसलैंड में स्थित माउंट हेक्ला भी मशहूर ज्वालामुखी है. इसे भी ऐतिहासिक रूप से 'नरक का प्रवेश द्वार' कहा जाता रहा है. मध्य युग में कई बड़े विस्फोटों के दौरान, भिक्षुओं और अन्य विद्वानों ने बार-बार इस पर्वत को अंडरवर्ल्ड के प्रवेश द्वार के रूप में लिखा.

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