दुनिया के 5 सबसे महान बायोलॉजिस्ट, जिनकी रिसर्च ने बचाई करोड़ों लोगों की जान
Science News: जीव विज्ञान यानी बायोलॉजी ऐसा विषय है जिसमें जीवन और जीवों का अध्ययन किया जाता है. महान जीव वैज्ञानिकों ने अपनी खोज और आविष्कार से मानव जीवन को न सिर्फ आसान, बल्कि लंबा बनाया है. उनकी रिसर्च ने हमें तमाम बीमारियों से लड़ने का तरीका सिखाया तो उनसे बचने का रास्ता भी दिखाया. कई ने ऐसी तकनीक विकसित की या वह दवा खोजी जिससे लाखों-करोड़ों जिंदगियां बचाई जा सकीं.
दुनिया के 5 महान जीव विज्ञानी
आइए आपको ऐसे 5 महान बायोलॉजिस्ट्स के बारे में बताते हैं जिनकी रिसर्च ने दुनिया को बदलकर रख दिया. फिर चाहे वह चार्ल्स डार्विन हों या ग्रेगर जॉन मेंडल या फिर लुई पास्चर... मिलिए महान वैज्ञानिकों से.
अलेक्जेंडर फ्लेमिंग
1928 में अलेक्जेंडर फ्लेमिंग ने दुनिया की पहली एंटीबायोटिक, पेनिसिलिन की खोज की. फ्लेमिंग की खोज ने मेडिकल साइंस को हमेशा-हमेशा के लिए बदलकर रख दिया. बैक्टीरियल संक्रमण का प्रभावी इलाज मिलने से अनगिनत जिंदगियां बचाई जा सकीं. फ्लेमिंग की रिसर्च ने आधुनिक एंटीबायोटिक्स की नींव डाली.
ग्रेगर जॉन मेंडल
ग्रेगर मेंडल को जेनेटिक्स यानी आनुवांशिकता का पिता कहा जाता है. मेंडल ने मटर के दानों पर जो प्रयोग किए, उसने आनुवंशिकता और आनुवंशिक विरासत के मूलभूत सिद्धांतों को स्थापित किया. विरासत के उनके नियम - प्रभुत्व, पृथक्करण और स्वतंत्र वर्गीकरण - शास्त्रीय आनुवंशिकी की आधारशिला बन गए.
जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक
वाटसन-क्रिक के डीएनए मॉडल के बारे में आपने जरूर बढ़ा होगा. जेम्स वाटसन और फ्रांसिस क्रिक ने ही 1953 में DNA की डबल-हेलिक्स संरचना का पता लगाया था. उनकी ऐतिहासिक खोज ने हमें यह बताया कि जेनेटिक सूचना कैसे स्टोर की जाती है और कैसे उसकी कॉपी बनाई जाती है. इन दोनों की रिसर्च ने मॉडर्न मॉलिक्यूलर बायोलॉजी की नींव डाली. वाटसन और क्रिक की खोज में रोजालिंड फ्रैंकलिन की भी अहम भूमिका रही.
लुई पास्चर
आज हम और आप जो पैकेटबंद दूध इस्तेमाल कर पाते हैं, उसके पीछे लुई पास्चर ही हैं. उन्होंने ही पास्चराइजेशन की प्रक्रिया विकसित की थी जिससे पेय पदार्थों से घातक बैक्टीरिया को खत्म किया जाता है. पाश्चर ने एंथ्रेक्स और रेबीज जैसी बीमारियों के लिए टीकों के विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.
चार्ल्स डार्विन
डार्विन को 'विकासवाद का जनक' कहा जाता है. उन्होंने क्रमविकास का सिद्धांत (प्राकृतिक चयन द्वारा विकास का सिद्धांत) दिया. कोई प्रजाति समय के साथ कैसे विकसित होती है, उस समझ को डार्विन के सिद्धांत ने हमेशा-हमेशा के लिए बदल दिया. उनकी किताब, ऑन द ओरिजिन ऑफ स्पीशीज ने आधुनिक विकासवादी जीव विज्ञान की नींव रखी.