Photos: आधार-पासपोर्ट की फोटो में क्यों नहीं मुस्कुराते हैं लोग? असली वजह तो ये है
Aadhaar Passport Serious Photo: किसी भी परिचय पत्र में तस्वीर खिंचवाने के कुछ स्थापित नियम होते हैं. हालांकि यह नहीं कहा जाता कि आप तस्वीर में मुस्कुराते हुए नजर ना आएं, लेकिन इसके बावजूद भी पैन, आधार और पासपोर्ट जैसे परिचय पत्रों में मुस्कुराने को लेकर मना कर दिया जाता है. इसके कुछ तार्किक कारण हैं.
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आपके पास आधार कार्ड होगा, कइयों के पास पैन और पासपोर्ट भी होगा. भारत में पिछले कुछ सालों से तो आधार कार्ड की महत्ता सबसे अधिक मानी गई है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों परिचय पत्रों में लोगों की तस्वीरें इतनी सीरियस क्यों होती हैं. यह देखा जाता है कि आधार कार्ड की फोटो खिंचाते हुए और पासपोर्ट के लिए फोटो खिंचाते हुए लोग बहुत ही गंभीर मुद्रा में रहते हैं. वे ना ही मुस्कुराते हुए नजर आते हैं और ना ही हंसते हुए नजर आते हैं. कुछ एक्सपर्ट्स ने इसका बहुत ही महीन कारण बताया है.
face recognition system
असल में पासपोर्ट वैसे तो अंतरराष्ट्रीय यात्राओं के लिए एक प्रमुख दस्तावेज होता है. लेकिन वह कई अन्य जगहों पर भी मानक परिचय पत्र का काम करता है. और आधार कार्ड के साथ पैन भारतीय नागरिकों का एक अन्य महत्वपूर्ण परिचय पत्र बन गया है. लेकिन इनमें लगी तस्वीरों में लोग मुस्कुराते नहीं है. इसके एक नहीं कई कारण हैं. इन तस्वीरों का उपयोग अक्सर मशीनों द्वारा किया जाता है, जैसे कि फेस रिकॉग्निशन सिस्टम. मुस्कुराने से चेहरे की बनावट बदल जाती है जिससे मशीन को सही ढंग से पहचानने में मुश्किल होती है.
why are people not smile
एक्सपर्ट्स का साफ कहना है कि एक समान और तटस्थ चेहरे का भाव होने से तस्वीरों की तुलना करना आसान हो जाता है. इससे धोखाधड़ी और पहचान छिपाने की संभावना कम हो जाती है. पासपोर्ट के मामले में तो अधिकांश देशों में तस्वीरों के लिए एक समान मानक होता है जिसमें मुस्कुराना शामिल नहीं होता. यह यात्रा के दौरान पहचान को सत्यापित करने में आसानी के लिए किया जाता है.
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इन दस्तावेजों का उपयोग यात्रा और पहचान के लिए किया जाता है. एक गंभीर और तटस्थ चेहरे वाली तस्वीर को चेहरे की पहचान सॉफ्टवेयर द्वारा अधिक आसानी से और सटीकता से स्कैन किया जा सकता है. मुस्कुराने से चेहरे की बनावट बदल जाती है जिससे पहचान प्रक्रिया जटिल हो सकती है. एक तटस्थ चेहरा व्यक्ति की अद्वितीय पहचान को दर्शाता है. विभिन्न भावों के साथ ली गई तस्वीरें एक ही व्यक्ति की अलग-अलग दिख सकती हैं, जिससे पहचान में भ्रम पैदा हो सकता है.
यह भी बताया जाता है कि एक गंभीर चेहरे वाली तस्वीर को फोटोशॉप या अन्य तरीकों से आसानी से बदला नहीं जा सकता है. स्माइल करती हुई तस्वीर को एडिट करना आसान हो जाता है और चेहरे के हाव-भाव का पता लगाना मुश्किल हो जाता है. यह धोखाधड़ी को रोकने में मदद करता है. मशीन द्वारा स्कैन करते समय गंभीर यानी असल मुद्रा में चेहरे की तस्वीर सबसे सही तस्वीर मानी जाती है.
rule of photo click
कुछ समय पहले एक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बायोमेट्रिक फोटो खिंचवाते समय भी यही नियम फॉलो होता है. पासपोर्ट बायोमेट्रिक फोटो में किसी भी तरह का एक्सप्रेशन नहीं होता. आपने पासपोर्ट को ध्यान से देखा होगा, तो उसमें खींची गई फोटो में कुछ पहचान चिन्ह भी होते हैं. छोटे-छोटे अक्षरों में पहचान दिखाई जाती है.
photo experience
वहीं एक साइबर एक्सपर्ट ने तो एक कारण यह भी बताया कि अगर लोगों को स्माइल या हंसने की छूट दे दी जाए तो लोग इन तस्वीरों में भी प्रयोग करते नजर आ जाएंगे. ऐसे में अगर जरा सा भी प्रयोग हुआ तो चेहरे की असल तस्वीर दस्तावेज में दर्ज नहीं हो पाएगी. ऐसे में यह परंपरा लंबे समय से फॉलो हो रही है.