Shark Tank India: दादा फेरी पर बेचते थे साड़ियां, पोते ने गांव से जमा दिया ₹50 करोड़ का कारोबार, तीन शार्क्स के साथ डील हुई पक्की
शार्क टैंक इंडिया का तीसरा सीजन लोगों को खूब पसंद आ रहा है. घर की हाउस वाइफ हो या फिर बच्चे वो भी वैल्यूएशन और EBITA की बातें कर रहे हैं. शो में आने वाले फाउंडर्स और एंटरप्रेन्योर के बिजनेस आइडिया सुनकर कई बार शार्क्स भी हैरान रह जाते हैं.
शार्क टैंक इंडिया में मिली डील
Shark Tank India Season 3: शार्क टैंक इंडिया का तीसरा सीजन लोगों को खूब पसंद आ रहा है. घर की हाउस वाइफ हो या फिर बच्चे वो भी वैल्यूएशन और EBITA की बातें कर रहे हैं. शो में आने वाले फाउंडर्स और एंटरप्रेन्योर के बिजनेस आइडिया सुनकर कई बार शार्क्स भी हैरान रह जाते हैं. शो के ताजा एपिसोड में ऐसा ही कुछ देखने को मिला.
छोटे गांव में बड़ा बिजनेस
हिमाचल के छोटे से गांव बनगाना से आए अंकुश बरजाता के बिजनेस आइडिया ने शार्क्स को हैरान कर दिया. छोटे से शहर में अंकुश ने बड़ा कारोबार खड़ा कर दिया. अपने दादा-पापा की विरासत को नए अंदाज में आगे बढ़ाते हुए अंकुश ने गांव में 50 करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. ‘Deeva’ के फाउंडर अंकुश बरजाता साड़ियों का ऑनलाइन कारोबार करते हैं. Deeva एक ऐसा प्लेटफॉर्म है, जो मैन्युफैक्चर्स को सीधे कस्टमर्स से जोड़ता है.
दादा फेरी लगातार बेचते थे साड़ियां
अंकुश का परिवार लंबे वक्त से साड़ियों का बिजनेस करता रहा है. उनके दादा फेरी लगाकर साड़ियां बेचते थे. पिता ने साड़ी की दुकान में नौकरी की. आमदनी कम थी, इसलिए बच्चों की पढ़ाई सरकारी स्कूल में हुई. अंकुश ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई चेन्नई से की. पढ़ाई पूरी कर उन्होंने नौकरी ज्वाइन कर ली, लेकिन साल 2014 में उन्हें पता चला कि पिता को साड़ी की दुकान में घाटा हो रहा है. यहीं से अंकुश ने पिता के काम में हाथ बंटाने का फैसला किया. अंकुश साड़ी के काम को नया रूप देना चाहते थे. उन्होंने इसे ऑनलाइन बेचने की प्लानिंग की और Deeva की शुरुआत की.
शार्क टैंक इंडिया के लिए हुए थे रिजेक्ट
शार्क टैंक इंडिया के दूसरे सीजन में रिजेक्ट होने के बाद अंकुश ने कोशिश नहीं छोड़ी. उन्होंने तीसरे सीजन के लिए फिर से कोशिश की और इस बार सफल होकर शार्क के सामने पहुंच गए. अंकुश ने हिमाचल के छोटे से गांव और सिर्फ 10 कर्मचारियों के साथ 7 करोड़ का प्रॉफिट बना दिया. उन्होंने शार्क्स से 50 करोड़ के वैल्यूएशन पर 2 करोड़ के लिए 4 फीसदी इक्विटी की डिमांड की.
एक डील में तीन शार्क्स का मिला साथ
अंकुश की कंपनी के नंबर्स और उनकी जबरदस्त एंटरप्रेन्योरशिप वाली सोच देख कर सारे शार्क्स इंप्रेस हो गए. शार्क अमन गुप्ता (Co-Founder and CMO of boAt), रितेश अग्रवाल(Founder and CEO of OYO Rooms) और राधिका गुप्ता (MD & CEO of Edelweiss Mutual Fund) ने उनकी कंपनी में निवेश का फैसला किया. तीन शार्क्स ने ज्वाइंट डील के साथ 75 लाख रुपये 6 फीसदी इक्विटी के साथ 1.25 करोड़ का डेट तीन साल के लिए 10 फीसदी के इंटेस्ट पर ऑफर किया. इसके साथ ही अंकुश को तीन शार्क्स का साथ मिल गया.