प्यार, इजहार, इकरार, शादी और बच्चे....फिर भी नहीं निभ सका ये रिश्ता, पहले बिखरा फिर टूटा
Amrita-Saif Story: एक रिश्ते को बनाए रखने के लिए जरूरी होता है प्यार और उस प्यार का अहसास. ये सब तो था अमृता और सैफ के बीच. तो फिर क्यों बिखरा और टूटा ये रिश्ता.
पहली नजर का प्यार
कहते हैं पहली नजर के प्यार की बात ही कुछ और होती है जब निगाहों से होने वाली हलचल दिल में खलबली मचा देती है और बस दिल के टेलिविजन पर एक ही चेहरा 24 घंटे चलता है. अमृता सिंह को देखकर कुछ ऐसा ही हाल हुआ था सैफ अली खान का भी.
जब हुआ इकरार
एक ही नजर में अमृता को दिल दे बैठे थे सैफ और दूसरी ही मुलाकात में हो गया था इजहार एक इश्क. बस फिर दोनों तरफ लगी आग ने इन्हें प्यार से बंधे एक रिश्ते में बांध दिया था. हर तरफ रोमांस था और इस रोमांस ने इनकी जिंदगी में नई बहार ला दी थी.
परिवार से छिपकर की शादी
दोनों खुश थे तो इन्होंने बिना परिवार और जमाने की परवाह किए शादी कर ली. बस मकसद था हमेशा के लिए एक हो जाना. शादी के 5 साल बाद इनकी जिंदगी फिर से गुलजार हुई जब अमृता ने बेटी सारा अली खान को जन्म दिया. लेकिन समय के साथ जिस रिश्ते को और मजबूत होना था वो कमजोर होता गया.
शादी के कुछ साल बाद गायब हुआ प्यार
बेटे इब्राहिम के जन्म के बाद तो हालात बद से बदतर होते चले गए और बात यहां तक जा पहुंची कि दोनों का एक छत के नीचे रहना मुश्किल हो गया. रिश्ते में प्यार गायब हो चुका था और कुछ बची थी तो बस नफरत और नफरते से भरी बातें.
2004 में टूट गया रिश्ता
साल 2004 इस रिश्ते का अंत हो गया. प्यार, इकरार, इजहार, परिवार सब कुछ था लेकिन फिर भी इस टूटते रिश्ते को बचाया ना जा सका. पहले दोनों के दिल टूटे और फिर ये रिश्ता. बच्चे अमृता को मिले तो सैफ के हिस्से आई बच्चों से दूरी.
वक्त ने किया मरहम का काम
पर वो कहते हैं ना समय हर मर्ज की दवा है. इस दर्द से भरे टूटे रिश्ते पर भी वक्त ने मरहम लगा दिया. दिल भी भर गया और जख्म भी. आज अपनी अपनी जिंदगियों में दोनों ही खुश हैं