सेहत के लिए खतरनाक फिर भी 28 साल में 16% बढ़ी कोल्ड ड्रिंक्स की खपत, स्टडी में चौंकाने वाले खुलासे
Harmful Effects of Cold Drink: ग्लोबल डाइटरी इंडेक्स में जो आंकड़े सामने आए हैं उन्हें देखकर कहा जा सकता है कि सोडा ड्रिंक्स के तमाम नुकसान जानने समझने के बाद भी उन पर सॉफ्ट ड्रिंक्स की मार्केटिंग भारी पड़ रही है. इस इंडेक्स को 3 अक्टूबर को जारी किया गया है. इंडेक्स को जारी करते हुए सबसे पहले एक्सपर्ट्स ने यही चेतावनी दी है कि ये ड्रिंक्स चीनी से भरपूर होती हैं और इनसे मोटापा और दिल की बीमारियों के बढ़ने का खतरा रहता है. लेकिन लोगों की आदतें देखकर नहीं लगता कि ऐसी चेतावनी को दुनिया गंभीरता से ले रही है.
एक्सपर्ट्स के मुताबिक अगर आप रोजाना औसतन 350 एमएल कोल्ड ड्रिंक्स गटक रहे हैं तो आपकी सेहत पर होने वाले खर्च रोजाना लगभग 10 रुपये के हिसाब से एक्स्ट्रा भार पड़ेगा. कई देशों ने चीनी वाले सोडा ड्रिंक्स पर टैक्स बढ़ाने की वकालत की है. लेकिन मार्केटिंग और बड़ी कंपनियों की लॉबी ने अब तक इसे कामयाब नहीं होने दिया. जर्नल नेचर कम्युनिकेशन में छपी इस स्टडी में 185 देशों का डाटा है. स्टडी को तैयार करने में एम्स दिल्ली और हैदराबाद के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ न्यूट्रीशन समेत भारत की कई संस्थाओं के डाटा को शामिल किया गया है.
1990 से 2018 के बीच किए गए इस आकलन में देखा गया है कि लैटिन अमेरिकी देशों में सोडा ड्रिंक्स सबसे ज्यादा इस्तेमाल की जा रही हैं. वर्ष 2018 के डाटा के मुताबिक, औसतन एक व्यक्ति ढाई ग्लास कोल्ड ड्रिंक्स पी रहा है. लेकिन देश के हिसाब से इस आंकड़े में काफी फर्क है. दक्षिण एशियाई देशों में लोग लगभग आधा ग्लास कोल्ड ड्रिंक पी रहे हैं.
भारत भी इसी में शामिल है. वहीं लैटिन अमेरिका और अफ्रीकी देशों में लोग 7 ग्लास से ज्यादा सोडा ड्रिंक्स का सेवन कर रहे हैं. एक्सपर्ट्स के मुताबिक कई देशों में इतनी गरीबी है कि पीने का साफ पानी आसानी से नहीं मिलता और उसकी कीमत भी ज्यादा है. जबकि वहीं कैन या बॉॉटल में कोल्ड ड्रिंक सस्ते में और आसानी से मिल जाती है.
शहरी लोग, पुरुष, युवा और पढ़े लिखे लोगों में कोल्ड ड्रिंक्स का फैशन ज्यादा है. हालांकि अभी बच्चों में इन ड्रिंक्स पर अलग से स्टडी की जा रही है. देशों के हिसाब से देखें तो सबसे ज्यादा मैक्सिको (8.9), इथोपिया (7.1), अमेरिका (4.9) और नाइजीरिया (4.9) को सोडा ड्रिंक्स पसंद हैं.
दक्षिण एशियाई देशों में भी कोल्ड ड्रिंक्स का चलन बढ़ा है लेकिन सीमित स्तर पर. इंडिया, चीन और बांग्लादेश में आधा ग्लास से भी कम कोल्ड ड्रिंक्स की खपत है. WHO के मुताबिक दिन भर की कुल कैलोरी की जरूरत का केवल 5 से 10 प्रतिशत ही Added Sugar यानी कि चीनी से आना चाहिए. एक 200 एम एल कोल्ड ड्रिंक से हमें 50 कैलोरी मिल जाती हैं.