Countries Where Men are Less: महिलाओं की नहीं हो पाती शादी, इन देशों में ढूंढने से भी नहीं मिलते मर्द

Countries Where Male are Less then Women: अगर दुनिया की बात करें तो मर्दों की आबादी महिलाओं से ज्यादा ही है. दुनिया के कई देश तो ऐसे हैं, जहां महिलाएं पुरुषों की तुलना में बेहद कम है. एक वक्त भारत में भी लिंग अनुपात में काफी असमानता थी. हरियाणा में लड़कियां लड़कों की तुलना में काफी कम थीं. लेकिन अब स्थिति कुछ बेहतर हुई है. वहीं कतर, संयुक्त अरब अमीरात, कतर और ओमान जैसे देशों में पुरुषों की आबादी महिलाओं से ज्यादा है.

रचित कुमार Sun, 01 Sep 2024-8:28 pm,
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लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कुछ देश ऐसे भी हैं, जहां महिलाओं की तादाद पुरुषों से ज्यादा है. यहां पुरुषों की संख्या कम होने की वजह से महिलाओं को कई बार शादी होने में भी दिक्कतें आती हैं. आइए आपको बताते हैं, उन देशों के बारे में.

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हालांकि, आर्मेनिया में पुरुषों की कमी मुख्य रूप से पहले विश्व युद्ध के दौरान और उसके बाद हुए अर्मेनियाई नरसंहार के बाद के प्रभावों के कारण है. तुर्की-ओटोमन शासन के दौरान 1.5 मिलियन अर्मेनियाई लोगों को सामूहिक हत्याओं में मार दिया गया या सीरियाई रेगिस्तान में मौत के जुलूसों पर ले जाया गया.

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आर्मेनिया

आर्मेनिया में दुनिया में सबसे ज्यादा महिलाएं 55 प्रतिशत हैं. लेकिन जन्मदर फिर भी लड़कों के हक में है. यहां हर साल 100 लड़कियों के मुकाबले 110 लड़के पैदा होते हैं. यहां पुरुष कम होने के कई कारण हैं. 20वीं सदी में आर्मेनिया को काफी कुछ झेलना पड़ा. सोवियत शासन और अपने पड़ोसियों के साथ युद्धों ने देश को कोई फायदा नहीं पहुंचाया. 

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यूक्रेन

रूस के साथ फिलहाल जंग लड़ रहे यूक्रेन में 54.40 फीसदी महिलाएं हैं. लेकिन जंग के कारण यहां काफी पुरुषों की जान गई है. लिहाजा दोनों के बीच फासला बढ़ना तय है. दूसरे विश्व युद्ध की वजह से यूक्रेन की पुरुष आबादी में काफी कमी आई और अब तक यह 1941 के लेवल तक नहीं पहुंच पाया है. 

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बेलारूस

बेलारूस में भी महिलाओं की आबादी 53.99 फीसदी है. पूर्वी यूरोप के इस देश का इतिहास अंधकारभरा रहा है. दूसरे विश्व युद्ध में यह देश पूरी तरह तबाह हो गया था. बेलारूस की पूरी जनसंख्या के एक चौथाई से ज्यादा लोग लड़ाई के दौरान मारे गए. संघर्ष में प्रति व्यक्ति हताहतों की संख्या सबसे ज्यादा थी. बेलारूस यूरोप के सबसे गरीब देशों में से एक है. यहां जीवन स्तर निम्न है और आर्थिक संभावनाएं कम हैं. इसी वजह से यहां के युवा यूरोप के बाकी हिस्सों में भागने  के लिए मजबूर होते हैं.

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लैटविया 

यहां महिलाओं की आबादी 53.57 फीसदी है. बाल्टिक सागर के तट पर बसा यह छोटा सा देश है. यहां के पुरुषों को स्मोकिंग और अत्यधिक शराब पीने की आदत है. लिहाजा यहां के पुरुषों को कई तरह के कैंसर और दिल की बीमारियां बेहद आम हैं. लैटविया पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 68 साल है, जबकि महिलाओं की 10 साल ज्यादा यानी 78. पुरुषों में आत्महत्या दर भी यहां बहुत ज्यादा है. 

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रूस

भारत के अजीज दोस्त रूस में 53.55 फीसदी महिलाएं हैं. दूसरे विश्व युद्ध का दंश रूस पर भी है. किसी भी देश की तुलना में दूसरे विश्व युद्ध में सोवियत संघ को सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था. यहां 27 मिलियन लोग मारे गए थे. लेकिन यहां की आबादी कम इसलिए है क्योंकि पुरुषों में शराब पीने की लत बहुत ज्यादा है. रूस की पुरुष आबादी को स्मोकिंग और शराब के कारण काफी साइड इफेक्ट्स झेलने पड़े हैं. 

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लिथुआनिया

यहां महिलाओं की आबादी करीब 53.02 फीसदी है. लैटविया की ही तरह यहां के भी पुरुषों की वही समस्या है. स्मोकिंग और शराब की नशे की लत ने पुरुषों का जीवन तबाह कर दिया है. यहां के पुरुष बेहतर जीवन की तलाश में जर्मनी या इंग्लैंड का रुख तेजी से कर रहे हैं.

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जॉर्जिया

यह एक छोटा सा देश है, जिसकी आबादी 3.7 मिलियन है. यहां महिलाओं की आबादी 52.98 फीसदी है और पुरुषों की 47.02 फीसदी. लेकिन यहां की अर्थव्यवस्था चरमराई हुई है इसलिए पुरुष यहां से भागकर दुनिया के दूसरे देशों में चले जाते हैं. इससे महिलाओं और पुरुषों के बीच आबादी का फासला तेजी से बढ़ रहा है.

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