Non-Muslims Countries: दुनिया के वो देश, जहां नहीं रहता कोई मुसलमान, इन दो देशों में मस्जिदें भी नहीं
इस्लाम दुनिया का सबसे तेजी से फैलने वाला धर्म है. कई देश तो ऐसे हैं, जिनके बनने का आधार ही इस्लाम है. दुनिया में करीब 1.8 बिलियन मुस्लिम आबादी है, जो पूरी दुनिया की आबादी का करीब 24 फीसदी है. यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा धर्म है. और सबसे ज्यादा जिस धर्म को मानने वाले लोग हैं, वो ईसाई हैं. भारत की बात करें तो यहां साल 2011 की जनगणना के मुताबिक 17 करोड़ मुस्लिम थे. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दुनिया में कई ऐसे भी देश हैं, जहां एक भी मुस्लिम नहीं रहता.
दुनिया के करीब-करीब हर देश में मुस्लिम धर्म का मानने वाले लोग मिल जाएंगे. कई देशों में उनकी आबादी बहुमत के थोड़ी ही दूर है. जबकि पाकिस्तान, इंडोनेशिया और अफगानिस्तान जैसे कई देशों में मुस्लिम आबादी बहुत ज्यादा है.
वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू वेबसाइट की मानें तो अफ्रीका में इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ मॉरीटानिया नाम का देश है. यहां की आबादी ही 47 लाख से अधिक है. जबकि मुस्लिम आबादी 38 साल से ज्यादा है.
सबसे ज्यादा मुस्लिम आबादी इसी देश में है. जबकि सोमालिया, ईरान, तुर्की, यमन और अफगानिस्तान भी इस लिस्ट में है. पाकिस्तान मुस्लिम आबादी के हिसाब से 23वें नंबर पर है.
अब आपको बताते हैं, दुनिया के वो देश, जहां मुस्लिम आबादी है ही नहीं. दरअसल वर्ल्ड पॉपुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुतबिक, वेटिकन सिटी ऐसा मुल्क है, जहां कोई भी मुस्लिम नहीं रहता है. यहां की आबादी महज 800 है और यहां रहने वाले सारे लोग ईसाई हैं.
दरअसल वेटिकन सिटी पवित्र जगह है. ईसाई धर्म के लोगों के लिए यह जगह वैसी ही है, जैसे मुसलमानों के लिए मक्का. यहां ईसाई धर्म के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप रहते हैं.
लेकिन सिर्फ वेटिकन ही ऐसा देश नहीं हैं, जहां मुस्लिम आबादी नहीं है. सोलोमन आइलैंड, मोनैको, नियु, फॉकलैंड आइलैंड, टोकेलॉ, कुक आइलैंड, ग्रीनलैंड जैसे देशों में भी मुस्लिम आबादी नहीं रहती.
अब अंत में आप उन देशों के बारे में भी जान लीजिए, जहां मुसलमान तो हैं लेकिन वहां मस्जिदें नहीं हैं. ये देश हैं स्लोवाकिया और एस्टोनिया. स्लोवाकिया में 5 हजार मुस्लिम रहते हैं जबकि एस्टोनिया में 1500.
स्लोवाकिया में मस्जिदें बनाने की मांग की गई थी, लेकिन सरकार ने उसे ठुकरा दिया. देशों ही देशों में मुसलमानों के नमाज पढ़ने के लिए एक अपार्टमेंट बनाया गया है. इन देनों ही देशों में इस्लाम को आधिकारिक धर्म का दर्जा भी हासिल नहीं है.