50 रुपए किलो में भारत से गोबर खरीद रहे ये देश, दिनोंदिन बढ़ रही डिमांड, जानें वजह

Gay ka Gobar: गाय के गोबर ढेरों उपयोग हैं और भारत में तो इसे खासा पवित्र भी माना जाता है. दुनिया भी गाय के गोबर के फायदे समझ रही है इसलिए भारत से इसका निर्यात बढ़ रहा है. साथ ही इसकी अच्‍छी-खासी कीमत भी मिल रही है.

श्रद्धा जैन Dec 22, 2024, 11:23 AM IST
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Cow Dung Export: बीते सालों में गाय के गोबर का निर्यात तेजी से बढ़ा है. भारत कई देशों को गाय का गोबर निर्यात कर रहा है. गाय के गोबर का ये देश कई तरह से उपयोग करते हैं. इन देशों में कुवैत और अरब देश शामिल हैं. जानिए अरब के ये देश भारत से गोबर लेकर क्‍या कर रहे हैं और इसके लिए कितनी कीमत अदा कर रहे हैं.

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गोबर का उपयोग

इन देशों के कृषि वैज्ञानिकों को एक रिसर्च के दौरान पता चला कि गाय के गोबर को पाउडर के रूप में प्रयोग करने से खजूर की फसल अच्‍छे से बढ़ती है.

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उत्‍पादन में बढ़ोतरी

खजूर की फसल में गोबर के पाउडर का उपयोग करने से फल का आकार भी बड़ा हुआ है, साथ ही उत्‍पादन में भी खासी बढ़ोतरी हुई है. इसी के चलते अपने खजूर के उत्‍पादन को बढ़ाने के लिए कुवैत और अरब देश बड़े पैमाने पर भारत से गोबर आयात करते हैं.

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192 मीट्रिक टन गोबर लिया

तेल और गैस के भंडार वाले कुवैत और अरब देश अपनी खजूर की फसल बढ़ाने के लिए गोबर का आयात करते हैं. कुछ समय पहले कुवैत ने भारत को 192 मीट्रिक टन गोबर का ऑर्डर दिया था.

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1 किलो गोबर की कीमत

गोबर की जरूरत और इसका फायदा कितना है, इसका अंदाजा भारत से निर्यात हो रहे गोबर की कीमत से लगाया जा सकता है. अभी भारत 30 से 50 रुपए किलो दाम में गोबर निर्यात कर रहा है. जाहिर है समय के साथ इसकी मांग बढ़ने पर कीमतों में और बढ़ोतरी होगी.

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हर रोज 30 लाख टन गोबर

खेतीप्रधान देश भारत में मवेशियों की संख्‍या भी बहुत बड़ी है. रिपोर्ट्स के अनुसार भारत में करीब 30 करोड़ मवेशी हैं. जिनसे हर रोज लगभग 30 लाख टन गोबर का उत्पादन होता है. भारत में तो गोबर के उपलों का ईंधन के रूप में, बायोगैस बनाने में, गोबर से ईकोफ्रेंडली प्रोडक्‍ट बनाने में इस्‍तेमाल होता है. खाद के रूप में बड़े पैमाने पर इस्‍तेमाल होता है.

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