Photos: डीआरडीओ ने बनाया एक और मील का पत्थर, `अभ्यास` का छठा परीक्षण सफल
DRDO: अभ्यास एक स्वदेशी रूप से विकसित HEAT है जिसे विभिन्न प्रकार के हथियार प्रणालियों, जैसे कि मिसाइलों और वायु रक्षा प्रणालियों के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाता है.
Chandipur News: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक और उपलब्धि हासिल करते हुए, हाई-स्पीड एक्सपेंडेबल एरियल टारगेट (HEAT) 'अभ्यास' के छठे लगातार विकासात्मक परीक्षण को सफलतापूर्वक पूरा किया है. ये परीक्षण ओडिशा के चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज (ITR) में किए गए, जहाँ बेहतर बूस्टर विन्यास का इस्तेमाल किया गया था.
यह सफलता 'अभ्यास' के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि इसने अब तक कई विकासात्मक परीक्षण पूरे कर लिए हैं. यह प्रणाली की विश्वसनीयता और मजबूती को दर्शाता है, जो इसे भारतीय वायु सेना के लिए एक अमूल्य संपत्ति बनाता है.
'अभ्यास' क्या है? 'अभ्यास' एक स्वदेशी रूप से विकसित HEAT है जिसे विभिन्न प्रकार के हथियार प्रणालियों, जैसे कि मिसाइलों और वायु रक्षा प्रणालियों के परीक्षण और मूल्यांकन के लिए लक्ष्य के रूप में उपयोग किया जाता है. यह उच्च गति, उत्कृष्ट गतिशीलता और यथार्थवादी रडार हस्ताक्षर प्रदान करता है, जो इसे वास्तविक खतरों का अनुकरण करने के लिए आदर्श बनाता है.
इन सफल परीक्षणों का भारतीय रक्षा अनुसंधान और विकास कार्यक्रम के लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण महत्व है:
आत्मनिर्भरता: यह स्वदेशी तकनीक का प्रदर्शन करता है, जो भारत को रक्षा उपकरणों के लिए विदेशी निर्भरता को कम करने में मदद करता है.
अत्याधुनिक तकनीक: यह परीक्षण HEAT प्रौद्योगिकी में भारत की प्रगति को दर्शाता है, जो इसे इस क्षेत्र में अग्रणी देशों में से एक बनाता है.
वायु सेना को मजबूती: 'अभ्यास' भारतीय वायु सेना को अपनी हथियार प्रणालियों को अधिक प्रभावी ढंग से परीक्षण और विकसित करने में सक्षम बनाएगा, जिससे देश की वायु सुरक्षा मजबूत होगी.