DeepSeek: अमेरिका ने जिसे समझा चिड़िया, वो निकला बाज! नाखून चबा रहे मस्क, जुकरबर्ग और पिचाई

What Is DeepSeek AI: DeepSeek R1 नामक एक अत्याधुनिक और किफायती चीनी AI मॉडल ने टेक्नोलॉजी उद्योग में हलचल मचा दी है. इस मॉडल ने अमेरिका की बड़ी AI कंपनियों को चुनौती दी है. DeepSeek, एक नई स्टार्टअप कंपनी है जिसने मात्र $5.6 मिलियन खर्च कर एक ऐसा AI मॉडल बनाया है जो OpenAI के GPT-4, Meta के Llama, और Google के Gemini जैसे मॉडलों के लगभग बराबर काम करता है. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका ने चीन पर अत्याधुनिक AI चिप्स की आपूर्ति रोकने के लिए कड़े प्रतिबंध लगाए हैं. इसके बावजूद DeepSeek ने कम कैपेसिटी वाले चिप्स के साथ यह उपलब्धि हासिल की है.

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क्या है DeepSeek?

DeepSeek की स्थापना 2023 के अंत में चीनी हेज फंड मैनेजर लियांग वेनफेंग ने की थी. यह कंपनी तेजी से बढ़ती AI तकनीक की लहर पर सवार होकर निवेश जुटाने वाली कई स्टार्टअप्स में से एक है. लियांग को चीन का “सैम ऑल्टमैन” कहा जा रहा है. उनकी हेज फंड कंपनी High-Flyer AI के डेवलपमेंट पर केंद्रित है.  

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DeepSeek R1 ने दिखाया कमाल

DeepSeek ने पिछले साल कई AI मॉडल लॉन्च किए, जिनमें से V3 मॉडल को कुछ पहचान मिली. हालांकि, इसमें चीनी सरकार से जुड़े संवेदनशील विषयों पर कंटेंट प्रतिबंधित होने की वजह से इसकी कॉम्पिटिटिवनेस पर सवाल उठे. लेकिन R1 मॉडल ने, जो पिछले साल के अंत में सामने आया, सबका ध्यान खींच लिया. यह न केवल किफायती है, बल्कि ओपन-सोर्स भी है. इसका मतलब है कि अन्य कंपनियां इस मॉडल का उपयोग कर इसे और बेहतर बना सकती हैं.

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क्यों है DeepSeek चर्चा में?

AI तकनीक आमतौर पर बहुत महंगी होती है. अमेरिका की बड़ी AI कंपनियां जैसे Meta, OpenAI और Google, AI मॉडल बनाने और संचालित करने में अरबों डॉलर खर्च करती हैं. उदाहरण के लिए, Meta ने 2024 में AI पर $65 बिलियन खर्च करने की घोषणा की और OpenAI के सीईओ सैम ऑल्टमैन ने कहा था कि AI उद्योग को हाई पावर वाले डेटा सेंटर्स चलाने के लिए खरबों डॉलर निवेश की जरूरत होगी, DeepSeek R1 का इतने कम खर्च में बनना उद्योग के लिए एक बड़ी सीख है. यह दिखाता है कि AI तकनीक को कम निवेश में भी बेहतर बनाया जा सकता है. टेक निवेशक मार्क आंद्रेसेन ने इसे “AI का स्पुतनिक मोमेंट” कहा है. DeepSeek की ऐप ने भी लोकप्रियता हासिल की है. यह ऐप ChatGPT को पीछे छोड़ते हुए ऐप स्टोर की टॉप चार्ट में शामिल हो गई और इसे अब तक 20 लाख से ज्यादा बार डाउनलोड किया गया है.

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अमेरिका के लिए इसका क्या मतलब है?

अमेरिका ने राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों से चीन को AI चिप्स और अन्य तकनीकों की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया था. लेकिन DeepSeek ने यह साबित कर दिया है कि प्रतिबंधों के बावजूद कॉम्पिटिटिव AI मॉडल बनाए जा सकते हैं. इस उपलब्धि ने अमेरिका की टेक्नोलॉजी इंडस्ट्री को चुनौती दी है. इससे न केवल अमेरिकी AI कंपनियों के शेयरों में गिरावट आई है. Nvidia के शेयर 12% गिर गए, वहीं Meta, Google, और Palantir जैसी कंपनियों के शेयर भी नुकसान में रहे.

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भविष्य की संभावनाएं

DeepSeek R1 ने AI सेक्टर में नए दरवाजे खोले हैं. यह साबित करता है कि कम लागत में भी AI में बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं. लेकिन अभी यह देखना बाकी है कि क्या यह अमेरिकी AI नेतृत्व को पूरी तरह चुनौती दे सकता है. अमेरिका के पास अभी भी ज्यादा रिसोर्ट, पैसा और एक्सपर्टीज है. टेक्नोलॉजी जगत में एकमात्र मॉडल से बड़ा बदलाव आना मुश्किल है, लेकिन DeepSeek ने यह दिखा दिया है कि AI की दौड़ में सिर्फ पैसा ही सब कुछ नहीं है.

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