Fastag, LPG सिलेंडर, Google मैप तक सब कुछ बदल गया, जानिए आज से क्या-क्या बदलाव हुआ?
New Rules From 1st August: हर महीने की 1 तारीख से आम और खास लोगों के लिए कुछ न कुछ बदल जाता है. इस बार भी 1 अगस्त की सुबह कई चीजों में बदलाव हुआ है. सबसे पहला बदलाव तेल कंपनियों की तरफ से गैस सिलेंडर की कीमत में इजाफा करके किया गया. इसके अलावा भी ऐसे कई बदलाव हैं जो प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से आपके ऊपर असर डालेंगे. आज से एचडीएफसी बैंक क्रेडिट कार्ड से जुड़े नियमों में भी बदलाव हुआ है. आइए जानते हैं आज से होने वाले बदलावों के बारे में-
हर महीने की शुरुआत में LPG गैस सिलेंडर के दाम में बदलाव होता है. पिछले महीने कमर्शियल गैस सिलेंडर को सस्ता करने के बाद अब तेल कंपनियों ने कीमत में इजाफा कर दिया है. दिल्ली में कमर्शियल गैस सिलेंडर 6.50 रुपये महंगा हो गया है. वहीं, कोलकाता में अब इसके लिए 8.50 रुपये ज्यादा चुकाने होंगे. 19 किलो वाला सिलेंडर दिल्ली में आज से 1646 रुपये की बजाय 1652.50 रुपये में मिलेगा.
1 अगस्त से फास्टैग यूजर्स के लिए नया नियम लागू हो गया है. एनपीसीआई (NPCI) के नए नियमों में केवाईसी के बारे में बताया गया है. जिन कंपनियों ने 3-5 साल पहले फास्टैग जारी किए थे, उन्हें सभी फास्टैग के लिए केवाईसी प्रोसेस पूरा करने की टाइम लिमिट 31 अक्टूबर तय की गई है. यानी सर्विस में रुकावट से बचने के लिए केवाईसी अपडेट कराना जरूरी है. इसके अलावा पांच साल से पुराने फास्टैग को बदलना होगा. सभी फास्टैग को वाहन के रजिस्ट्रेशन नंबर और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है.
1 अगस्त से Google Maps के नियमों में भी बदलाव हुआ है. कंपनी की तरफ से पहले ही ऐलान किया गया था कि उसने भारत में सर्विस चार्ज 70 प्रतिशत तक कम कर दिया है. कंपनी अब डॉलर की बजाय भारतीय रुपये में बिल करेगी. इन बदलावों का आम यूजर्स पर कोई असर नहीं पड़ेगा, उनसे किसी प्रकार का अतिरिक्त चार्ज नहीं लिया जाएगा.
आज से PayTM, CRED, MobiKwik और Cheq जैसे थर्डपार्टी पेमेंट ऐप के जरिये किये जाने वाले सभी रेंटल ट्रांजेक्शन पर ट्रांजेक्शन अमाउंट का 1 प्रतिशत लगेगा. लेकिन अधिकतम यह 3000 रुपये तक रहेगा.
एचडीएफसी बैंक ने आज से अपने कई नियमों में बदलाव किया है. इन नियमों में लेट पेमेंट फी का बढ़ना, रिवॉर्ड्स प्वाइंट को कैश कराने के लिए 50 रुपये का रिडेम्पशन शुल्क, पहले से ज्यादा 3.75% प्रतिशत का ब्याज और ईएमआई प्रोसेसिंग फी का बढ़ना शामिल है.