ये हैं भारत के 5 अनोखे रेलवे स्टेशन, कुछ दो राज्यों को करते हैं डिवाइड, तो कहीं से जाने के लिए चाहिए Visa
5 Unique Railway Stations of India: भारत में आज के समय में करीब 7000 से ज्यादा रेलवे स्टेशन हैं. कुछ रेलवे स्टेशन अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं, तो कई अपनी लंबी यात्राओं के लिए. भारत में कुछ रेलवे स्टेशन अपनी साफ-सफाई के कारण भी मशहूर हैं. हालांकि, आज हम आपको भारत के 5 अनोखे रेलवे स्टेशनों के बारे में बताएंगे, जिसमें से कुछ ऐसे हैं जो दो राज्यों को बांटते हैं, तो कुछ ऐसे हैं जिनका कोई नाम ही नहीं है.
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन
भवानी मंडी रेलवे स्टेशन दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर स्थित है. इसका लिंक दो अलग-अलग राज्यों से भी हैं. यह रेलवे स्टेशन विशिष्ट रूप से राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच बंटा है. दो अलग-अलग राज्यों के बीच बंटे होने के कारण भवानी मंडी स्टेशन पर रुकने वाली हर ट्रेन का इंजन राजस्थान में और कोच मध्य प्रदेश में होता है. बता दें कि भवानी मंडी रेलवे स्टेशन के एक छोर पर राजस्थान का बोर्ड लगाया गया है, जबकि दूसरे छोर पर मध्य प्रदेश का बोर्ड लगा हुआ है.
नवापुर रेलवे स्टेशन
नवापुर रेलवे स्टेशन भी भारत के सबसे अनोखे रेलवे स्टेशनों में से एक है. इस स्टेशन का एक हिस्सा महाराष्ट्र में और दूसरा गुजरात में है. नवापुर रेलवे स्टेशन अलग-अलग राज्यों में दो हिस्सों में बंटा हुआ है, जहां प्लेटफॉर्म से लेकर बेंच तक पर महाराष्ट्र और गुजरात दोनों लिखे हुए हैं. स्टेशन पर घोषणाएं भी 4 अलग-अलग भाषाओं 'हिंदी, अंग्रेजी, मराठी और गुजराती' में की जाती हैं.
अटारी रेलवे स्टेशन
अगर आप अटारी रेलवे स्टेशन से ट्रेन पकड़ना चाहते हैं या स्टेशन पर उतरना चाहते हैं, तो आपके पास वीजा (Visa) होना चाहिए. भारत और पाकिस्तान की सीमा पर स्थित अमृतसर के अटारी रेलवे स्टेशन पर बिना वीजा के जाना सख्त मना है. स्टेशन पर 24 घंटे गतिविधि पर नजर रखने के लिए सुरक्षा बल मौजूद रहता हैं. बिना वीजा के पकड़े गए व्यक्ति पर मामला दर्ज किया जाता है और उसे सजा भी हो सकती है.
झारखंड में बेनाम रेलवे स्टेशन
झारखंड की राजधानी रांची से टोरी तक जाने वाली ट्रेन भी एक अज्ञात स्टेशन से होकर गुजरती है. यहां कोई साइनबोर्ड नजर नहीं आता है. साल 2011 में जब पहली बार इस स्टेशन से ट्रेनों का संचालन शुरू हुआ तो रेलवे ने इसका नाम बड़कीचांपी रखने का सोचा, लेकिन स्थानीय लोगों के विरोध के कारण इस स्टेशन का यह नाम नहीं रखा गया और तभी से यह स्टेशन बेनाम है.
एक और गुमनाम रेलवे स्टेशन
एक और रेलवे स्टेशन पूरी तरह कार्यात्मक है लेकिन उसका कोई नाम नहीं है. पश्चिम बंगाल के बर्धमान से 35 किमी दूर बांकुरा-मासग्राम रेलवे लाइन पर बेनाम रेलवे स्टेशन का निर्माण साल 2008 में किया गया था. शुरुआत में स्टेशन का नाम रैनागढ़ था, लेकिन स्थानीय लोगों ने स्टेशन का नाम बदलने के लिए रेलवे बोर्ड से आधिकारिक शिकायत की. जिसके बाद नाम बदला या नहीं लेकिन यह स्टेशन भी बेनाम रह गया.