Gyanvapi Case: कौन हैं पूर्व जज अजय कृष्ण विश्वेश? जिनके फैसले से ज्ञानवापी के तहखाने में शुरू हुई पूजा

Gyanvapi Judge Profile: वाराणसी में ज्ञानवापी (Gyanvapi) के व्यास जी तहखाने (Vyas Tahkhana) में पूजा शुरू हो चुकी है. आज दूसरे दिन भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु तहखाने में पहुंच रहे हैं और पूजा-अर्चना कर रहे हैं. इस बीच, सबसे ज्यादा चर्चा उन जज साहब की हो रही है जिनके फैसले की वजह से ज्ञानवापी के तहखाने में पूजा फिर से शुरू हुई. करीब 30 साल बाद एक बार फिर व्याजी के तहखाने में दीपक जला और वहां पूजा अर्चना हुई. खास बात ये भी है कि व्यासजी तहखाने का फैसला जज साहब ने अपने करियर के आखिरी दिन दिया. इसके बाद वह रिटायर हो गए. आइए इन जज साहब के बारे में जानते हैं.

विनय त्रिवेदी Fri, 02 Feb 2024-12:36 pm,
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बता दें कि ज्ञानवापी के व्यास जी तहखाने में 30 साल बाद हिंदुओं को पूजा का अधिकार मिला है. इसका फैसला वाराणसी कोर्ट के जज रहे अजय कृष्ण विश्वेश ने दिया. अजय कृष्ण विश्वेश ने ये फैसला देकर इतिहास में अपना नाम दर्ज करा लिया. क्योंकि ये फैसला अजय कृष्ण विश्वेश के जज के रूप में करियर का आखिरी फैसला है. अजय कृष्ण विश्वेश ने ही ज्ञानवापी के ASI सर्वे का आदेश दिया था.

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जान लें कि पूर्व जज अजय कृष्‍ण विश्वेश मूल रूप से उत्तराखंड के हरिद्वार के रहने वाले हैं. अजय कृष्‍ण विश्वेश का जन्म 7 जनवरी, 1964 को हुआ था. पढ़ाई के लिए वह बाद में कुरुक्षेत्र चले आए. 1981 में अजय कृष्‍ण विश्वेश ने बीएससी की डिग्री हासिल की. इसके बाद 1984 में अजय कृष्‍ण विश्वेश ने एलएलबी पूरी कर ली. फिर 1986 में अजय कृष्‍ण विश्वेश ने एलएलएम किया.

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गौरतलब है कि जज के रूप में अजय कृष्‍ण विश्वेश का करियर 1990 में शुरू हुआ. 20 जून 1990 को उनके जस्टिस करियर की शुरुआत हुई. अजय कृष्‍ण विश्वेश की पहली पोस्टिंग मुंसिफ मजिस्ट्रेट के तौर पर हुई थी. उन्हें करियर की पहली पोस्टिंग उत्तराखंड के कोटद्वार में मिली थी.

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बता दें कि अजय कृष्‍ण विश्वेश का 1991 में कोटद्वार से सहारनपुर ट्रांसफर हो गया था. इसके बाद अजय कृष्‍ण विश्वेश देहरादून में आ गए थे. यहां अजय कृष्‍ण विश्वेश न्यायिक मजिस्ट्रेट बने थे. फिर 1995 में अजय कृष्‍ण विश्वेश एडिशनल सिविल जज बने. इसके बाद 1999 में अजय कृष्‍ण विश्वेश को मेरठ में एसीजेएम के रूप में पोस्टिंग मिली थी.

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जान लें कि अजय कृष्‍ण विश्वेश पहली बार जिला जज 2018 में बने थे. वह संभल, सीतापुर, बदायूं, बुलंदशहर और वाराणसी में जिला जज रहे. अजय कृष्‍ण विश्वेश का जज के तौर पर करियर करीब 34 साल लंबा है. 21 अगस्त, 2022 को अजय कृष्‍ण विश्वेश वाराणसी कोर्ट के जज बने थे. ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने पर फैसला सुनाने के बाद जज अजय कृष्‍ण विश्वेश रिटायर हो गए.

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