Holi 2024: 495 साल बाद अयोध्या दरबार में खेली जाएगी होली, रामलला के लिए कचनार के फूलों से बनेगा हर्बल गुलाल

Ayodhya Ramlala Holi: अयोध्या के नवनिर्मित मंदिर में रामलला की पहली होली को लेकर तैयारियां जोरों पर हैं. श्री राम जन्मभूमि अयोध्या में रामलला के लिए कचनार के फूलों से हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है और इसी गुलाल से रामलला होली खेलेंगे.

शिल्पा जैन Thu, 21 Mar 2024-8:50 am,
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अयोध्या के रामदरबार में खेली जाएगी होली

अयोध्या में नवनिर्मित रामलला का मंदिर में इन दिनों होली के त्योहार को लेकर तैयारियां खूब जोर-शोर से चल रही हैं. इस बार रामलला कचनार के फूलों से बने गुलाल से होली खेलेंगे. बता दें कि कचनार के फूलो से हर्बल गुलाल बनाया गया है, जो कि वैज्ञानिकों की देखरेख में बनाए गए हैं.  

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होगा भव्य समारोह का आयोजन

बता दें कि अयोध्या के राम दरबार में होली का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा. बताया जा रहा है कि ये कार्यक्रम रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा से भी भव्य होगा. बता दें कि 495 साल बाद अयोध्या के राम दरबार में होली खेली जाएगी. मंदिर परिसर में होली के त्योहार को लेकर खास तैयारियां चल रही हैं. 

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राम भक्तों को भी मिलेगा होली खेलना का अवसर

रामलला की होली इस बार भव्य महल में होने जा रही है. बता दें कि राम दरबार में 495 साल बाद होली मनाई जाएगी. इस दौरान राम मंदिर के पुजारी सत्येंद्र दास ने बताया कि इस बार राम भक्तों को भी रामलला के साथ होली खेलने का अवसर मिलेगा. 

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नए वस्त्र धारण करेंगे रामलाल

सतेंद्र दास ने मंदिर में चल रही तैयारियों को लेकर बताया कि होली पर रामलला नए वस्त्र धारण करेंगे. इसके साथ ही विभिन्न पकवानों का भोग लगाया जाएगा. 56 प्रकार के व्यजंनों का भोग लगाया जाएगा. इसके बाद अबीर-गुलाल अर्पित कर होली उत्सव मनाया जाएगा. 

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कचनार के फूलों से बनाया जाएगा गुलाल

मंदिर संस्थान ने बताया कि रामलला के लिए कचनार के फूलों से हर्बल गुलाल बनाया गया है. बता दें कि कचनार को त्रेतायुग में अयोध्या का राज्य वृक्ष माना जाता था और इसका आयुर्वेद में भी विशेष महत्व है. वहींस गोरखपुर मंदिर में चढ़ाए गए फूलों से हर्बल गुलाल तैयार किया गया है. इन हर्बल गुलाल का परीक्षण किया जा चुका है, जो कि मानव त्वचा के लिए सुरक्षित है. 

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इस फ्लेवर में बना है गुलाल

बता दें कि कचनार के फूलों से बने हर्बल गुलाल लैवेंडर फ्लेवर में बनाए गए हैं. जबकि गोरखनाथ मंदिर के चढ़ाए फूलों से हर्बल गुलाल चंदन फ्लेवर का बनाया गया है. बता दें कि इन गुलाल में लेड, क्रोमियम और निकल जैसे कैमिकल का इस्तेमाल नहीं किया गया है.   

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