Explainer: बर्फ में हजारों साल दबे रहने के बावजूद वायरस जिंदा कैसे रह लेते हैं?

How Do Virus Survive In Ice: वैज्ञानिकों ने बर्फ में हजारों साल से दबे बहुत सारे प्राचीन वायरस खोजे हैं. उनमें से कई तो अब भी जिंदा है. आखिर वायरस इतनी ठंड में सैकड़ों साल तक जिंदा कैसे रह लेते हैं?

दीपक वर्मा Mon, 29 Jul 2024-12:48 pm,
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बर्फ में दबे मिले हैं हजारों साल पुराने वायरस

पर्माफ्रॉस्ट वह जमीन होती है जो लगातार जमी रहती है. यह जीवन की संभावना के लिहाज से एक असंभव जगह लगती है. लेकिन हाल के सालों में वैज्ञानिकों ने पर्माफ्रॉस्ट में जमे हुए बहुत सारे माइक्रो-ऑर्गनिज्म्स (सूक्ष्म जीवों) की खोज की है, जिनमें से कई अभी भी जीवित हैं.

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ऐसे वायरस से इंसान को कितना खतरा?

बर्फ में हजारों साल से दबे कई तरह के वायरस पाए गए हैं, जिनमें पैंडोरावायरस भी शामिल हैं, जो साइबेरिया में 30,000 साल पुराने पर्माफ्रॉस्ट में जमे हुए पाए गए थे. रिसर्चर्स एक जमे हुए पैंडोरावायरस को फिर से जिंदा करने में सफल हुए, जो केवल अमीबा को संक्रमित करता है.

हालांकि, टेंशन देने वाले वायरस भी पाए गए हैं, जिनमें इन्फ्लूएंजा का वह स्ट्रेन शामिल है, जिसने 1918 की महामारी को जन्म दिया था और चेचक वायरस का एक रिश्तेदार जो 300 साल पुरानी साइबेरियाई ममी में पाया गया था. दोनों मामलों में, वायरस के जीनोम टूट गए थे और वायरस अब संक्रामक नहीं थे.

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होस्ट के बिना जिंदा नहीं रह पाते वायरस

वायरस को जिंदा रहने के लिए होस्ट की जरूरत पड़ती है. किस्मत से, अधिकांश वायरस अपने होस्ट के बाहर लंबे समय तक जीवित नहीं रहते, इसलिए पर्माफ्रॉस्ट में अभी भी संक्रामक मानव वायरस मिलने की संभावना कम है. हमें ऐसे वायरस मिलते रहेंगे जो अन्य सूक्ष्मजीवों को संक्रमित करते हैं, जैसे कि बैक्टीरिया जो चरम वातावरण में रहने के लिए विकसित हुए हैं.

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2016 में फैला था बैक्टीरिया का प्रकोप

2016 में साइबेरिया में एंथ्रेक्स का प्रकोप देखने को मिला था. जिसमें एक व्यक्ति और कई जानवर मारे गए थे. ऐसा माना जाता है कि पर्माफ्रॉस्ट पिघलने से बैक्टीरिया बाहर आ गया जिससे यह आउटब्रेक हुआ. एंथ्रेक्स एक प्रकार का बैक्टीरिया है जो बीजाणु बना सकता है, यह एक निष्क्रिय रूप है जो बहुत कठोर वातावरण में भी जीवित रह सकता है.

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अभी और प्राचीन वायरस सामने आएंगे...

जैसे-जैसे जलवायु परिवर्तन की वजह से धरती गर्म हो रही है, तमाम जगहों पर पर्माफ्रॉस्ट पिघल रहे हैं. संभव है कि प्राचीन वायरसों का और प्रकोप देखने को मिले. हालांकि, इसकी संभावना कम ही है कि हम पर्माफ्रॉस्ट से कोई नया वायरस उभरता हुआ देखेंगे जो अगली ग्लेाबल महामारी का कारण बनेंगे.

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