प्राइवेट वीडियो-MMS कैसे हो जाते हैं लीक, छोटी सी गलती करा देती है छीछालेदर?
Digital Privacy: स्मार्टफोन आज के समय में हर इंसान की जरूरत बन चुका है. स्मार्टफोन के इस्तेमाल से हम अपने कई जरूरी काम निपटाते रहते हैं. पेमेंट, मेल, मैसेजिंग अन्य कई काम हम इसके इस्तेमाल से मिनटों में कर लेते हैं. अक्सर लोग स्मार्टफोन से प्राइवेट वीडियो और मल्टीमीडिया मैसेज (एमएमएस) भी शेयर करते हैं. डिजिटल दुनिया का एक कड़वा सच भी है.. जिससे हजारों लोग सरोकार रखते हैं. हम बात कर रहे हैं एमएमएस और वीडियो लीक की.
प्राइवेसी से खिलवाड़ लोगों को व्यक्तिगत और व्यावसायिक दोनों रूप से बड़ी चोट पहुंच सकता है. आइये आपको बताते हैं प्राइवेट वीडियो और एमएमएस कैसे लीक होते हैं और इसे रोकने के लिए आप क्या कर सकते हैं.
डेटा चोरी और हैकिंग
प्राइवेट वीडियो और एमएमएस लीक होने की सबसे बड़ी वजह डेटा की चोरी या हैकिंग है. हैकर्स आपके स्मार्टफोन, क्लाउड स्टोरेज या मैसेजिंग ऐप्स तक पहुंच बना सकते हैं. जिससे वे आपके प्राइवेट कंटेंट को चुरा सकते हैं और इसे वायरल भी कर सकते हैं.
रिवेंज पोर्न
कई मामलों में यह भी देखा गया है कि प्राइवेट वीडियो और एमएमएस बदला लेने के लिए लीक किए जाते हैं. इसे रिवेंड पॉर्न का नाम दिया गया है. ऐसे मामले ब्रेकअप और प्यार में धोखा खाए पार्टनर ही करते हैं. बदला लेने की भावना से वे अपने पूर्व पार्टनर के अंतरंग पलों की वीडियो और एमएमस वायरल कर देते हैं.
हड़बड़ी में शेयर कर देना
लीक के मामलों में कई बार यूजर की हड़बड़ी भी जिम्मेदार होती है. जल्दबाजी में कई यूजर प्राइवेट वीडियो या एमएमएस अंजाने में गलत कॉन्टेक्ट को भेज देते हैं. जिसके बाद वो शख्स आपके भेजे मैसेज का गलत इस्तेमाल कर सकता है.
फिशिंग और सोशल इंजीनियरिंग
साइबर क्रिमिनल्स अक्सर स्मार्टफोन यूजर्स को टारगेट करते रहते हैं. इसके लिए वे आपको बरगलाकर कोई ऐप डाउनलोड करा सकते हैं. एक बार जब आप ये ऐप डाउनलोड कर लेते हैं तो साइबर अपराधी आपके फोन से आपका प्राइवेट डेटा आसानी से चुरा सकते हों. इस तकनीक को फ़िशिंग या सोशल इंजीनियरिंग का नाम दिया गया है.
अपने डिवाइस को कैसे सिक्योर करें
अपने स्मार्टफोन को लॉक करने के लिए मजबूत पासवर्ड, पिन या बायोमेट्रिक का इस्तेमाल करें. अपने डिवाइस के ऑपरेटिंग सिस्टम और ऐप्स को नियमित रूप से अपडेट करते रहें.
एप्लिकेशन अनुमतियां
ऐप अनुमतियों की समीक्षा करें और उन्हें केवल आवश्यक कार्यों तक सीमित करें. अनावश्यक होने पर कुछ ऐप्स आपके कैमरे या स्टोरेज तक पहुंच का अनुरोध कर सकते हैं.
एन्क्रिप्शन सक्षम करें
अपने डिवाइस और मैसेजिंग ऐप्स के लिए एन्क्रिप्शन सक्रिय करें. एन्क्रिप्शन यह सुनिश्चित करता है कि केवल अधिकृत यूजर ही आपकी सामग्री तक पहुंच बना सकता है.
प्राइवेट मैसेजिंग ऐप्स
प्राइवेट कंटेंट शेयर करने के लिए व्हाट्सएप या सिग्नल जैसे सुरक्षित और प्रतिष्ठित मैसेजिंग ऐप्स का इस्तेमाल करें जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन की पेशकश करते हैं.
सुरक्षित क्लाउड स्टोरेज
यदि आप क्लाउड में प्राइवेट वीडियो और फ़ोटो सेव करते हैं, तो सुनिश्चित करें कि आपका क्लाउड स्टोरेज मजबूत सुरक्षा वाला हो. अपने क्लाउड अकाउंट के लिए मजबूत पासवर्ड का इस्तेमाल करें.
सुरक्षित वाई-फ़ाई नेटवर्क
सार्वजनिक वाई-फाई नेटवर्क पर प्राइवेट कंटेंट शेयर करने से बचें, क्योंकि वे अक्सर कम सुरक्षित होते हैं और हैकिंग के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं.
शेयर करने से पहले सोचें
सबसे जरूरी बात यह है कि निजी सामग्री भेजने से पहले हमेशा रिसीव करने वाले की दोबारा जांच करें. यह पुष्टि करने के लिए कुछ समय लें कि आप इच्छित व्यक्ति को ही शेयर कर रहे हैं.