एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए?
Excess Milk Consumption Side Effects: दूध में कैल्शियम, विटामिन डी और प्रोटीन जैसे आवश्यक पोषक होते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए. ज्यादा दूध पीने के क्या क्या नुकसान हैं.
एक दिन में कितना दूध
एक दिन में आपको कितना दूध पीना चाहिए, यह कई फैक्टर्स पर निर्भर करता है, जिसमें आपकी आयु और आपकी अन्य स्वास्थ्य स्थितियां शामिल हैं. दूध पीना सेहत के लिए फायदेमंद है, लेकिन ज्यादा दूध पीना भी आपको नुकसान पहुंचा सकता है. आइये जानते हैं, एक दिन में कितना दूध पीना चाहिए और उससे ज्यादा पीने से क्या हो सकता है.
आहार संबंधी दिशा-निर्देश
जो लोग रोजाना पनीर या दही खाते हैं उनके लिए हर दिन लगभग 250 मिलीलीटर दूध काफी है.
आयु और सेहत
19 से 60 से ज्यादा उम्र के हर वयस्क को रोजाना तीन कप दूध पीना चाहिए. लेकिन अगर आप प्रेग्नेंट हैं या बेबी को फीड करा रही हैं तो डॉक्टर के गाइडेंस के आधार पर दूध का सेवन करना चाहिए. अगर आपकी कभी हड्डी टूटी है या वर्तमान में भी हड्डी की किसी बीमारी से जूझ रहे हैं तो आपको भी डॉक्टर से सलाह जरूर लें.
स्टडी में आई ये बात सामने
बीएमजे में प्रकाशित एक शोध अध्ययन के अनुसार, यह पाया गया कि हर दिन तीन या उससे अधिक गिलास दूध पीने से महिलाओं में हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा बढ़ सकता है. जो लोग हर दिन तीन गिलास दूध पीते हैं, उनमें हड्डियों के फ्रैक्चर का खतरा 16 प्रतिशत बढ़ जाता है.
ज्यादा दूध पीने से फ्रैक्चर क्यों
दूध के अधिक सेवन से फ्रैक्चर की संभावना बढ़ जाती है, क्योंकि इसमें डी-गैलेक्टोज नामक शर्करा होती है, जो दूध में प्राकृतिक रूप से पाई जाने वाली शर्करा, लैक्टोज में पाई जाती है. माना जाता है कि लैक्टोज ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ाता है और कम-ग्रेड क्रोनिक सूजन में योगदान देता है. और हम सभी इस तथ्य से अच्छी तरह वाकिफ हैं कि सूजन शरीर पर कई तरह से कहर बरपा सकती है.
एक और स्टडी ने ऐसी बात कही
द अमेरिकन जर्नल ऑफ क्लिनिकल न्यूट्रीशन में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन के अनुसार, वृद्धों में ऑस्टियोपोरोसिस के कारण हड्डियों के फ्रैक्चर की घटनाएं उन देशों में अधिक होती हैं, जहां डेयरी, पशु प्रोटीन और कैल्शियम का सबसे अधिक उपभोग होता है.
दिल की बीमारी का खतरा
डेयरी उत्पादों में फुल क्रीम फैट वाले गाय के दूध और पनीर में संतृप्त वसा होती है, जो इंफ्लेमेशन को बढ़ा सकती है. संतृप्त वसा खराब कोलेस्ट्रॉल को भी बढ़ा सकती है और हृदय रोगों के जोखिम को बढ़ा सकती है.