टाटा ग्रुप के ऊपर टाटा सन्स, टाटा सन्स के ऊपर टाटा ट्रस्ट...जानिए कैसे काम करता है TATA का अरबों का साम्राज्य?

How tata group works in india: साल 1892 में सर जमशेदजी टाटा ने टाटा ट्रस्ट की स्थापना की थी. टाटा ट्रस्ट कई सारे चैरिटेबल ट्र्स्टों का एक ग्रुप है. इस ग्रुप में दो प्रमुख ट्रस्ट सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट हैं. आज हम आपको बताएंगे कि TATA का अरबों का साम्राज्य कैसे काम करता है.

सुदीप कुमार Sat, 12 Oct 2024-4:27 pm,
1/6

tata group works

रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा टाटा ट्रस्ट के अध्यक्ष बने हैं. शुक्रवार को टाटा ट्रस्ट की ओर से बताया गया कि मुंबई में हुई एक बैठक के बाद ट्रस्टियों ने नोएल टाटा को तत्काल प्रभाव से अध्यक्ष नियुक्त किया है. टाटा ट्रस्ट यानी सब कुछ. क्योंकि टाटा ट्रस्ट का नियंत्रण टाटा संस पर है और टाटा संस का नियंत्रण टाटा के अन्य कंपनियों के ग्रुप टाटा ग्रुप पर. 

 

2/6

नवल एच टाटा और सूनी एन टाटा के पुत्र नोएल टाटा वर्तमान में टाटा समूह की विभिन्न कंपनियों के निदेशक मंडल का हिस्सा हैं. वह ट्रेंट, टाटा इंटरनेशनल लिमिटेड, वोल्टास तथा टाटा इन्वेस्टमेंट कॉरपोरेशन के चेयरमैन और टाटा स्टील तथा टाइटन कंपनी लिमिटेड के वाइस चेयरमैन हैं.

 

3/6

टाटा ट्रस्ट कई सारे चैरिटेबल ट्र्स्टों का एक ग्रुप है. इस ग्रुप में दो प्रमुख ट्रस्ट सर रतन टाटा ट्रस्ट और सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट हैं. इन दोनों ट्रस्टों के पास टाटा सन्स में कुल 52 फीसदी हिस्सेदारी है. वहीं, अन्य ट्रस्टों के पास टाटा सन्स में कुल 14 प्रतिशत हिस्सेदारी है. यानी टाटा ट्रस्ट के पास टाटा संस की लगभग 66 प्रतिशत हिस्सेदारी है. 

 

4/6

साल 1892 में टाटा ट्रस्ट की स्थापना सर जमशेदजी टाटा ने की थी. इसके अलावा 1918 में सर रतन टाटा ट्रस्ट की स्थापना की गई. वहीं, 1932 में सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट की स्थापना की गई. सर जमशेदजी टाटा के निधन के बाद उनके बेटों ने टाटा ग्रुप की सभी कंपनियों को मर्ज कर टाटा सन्स बनाई.

 

5/6

अब आपके दिमाग में आ रहा होगा कि टाटा संस क्या है?  इसकी स्थापना 1917 में हुई थी और यह टाटा समूह के अंतर्गत आने वाले सभी ब्रांडों के प्रमोटर और होल्डिंग कंपनी के रूप में कार्य करती है. नटराजन चन्द्रशेखरन जनवरी 2017 से इसके अध्यक्ष हैं. टाटा ग्रुप की जितनी भी कंपनियां है उनमें 25 प्रतिशत से 73 प्रतिशत तक की हिस्सेदारी टाट सन्स के पास है.

 

6/6

इस तरह हम यह कह सकते हैं कि टाट ट्रस्ट का कंट्रोल टाटा सन्स पर है. जबकि टाटा सन्स का कंट्रोल टाटा ग्रुप है. यानी टाटा ट्रस्ट का चेयरमैन का टाटा के बिजनेस पर एकाधिकार है. आमतौर पर यह पद टाटा परिवार या पारसी समुदाय से जुड़े व्यक्तियों को ही मिलती है. यही वजह है कि नोएल टाटा ट्रस्टियों की नजर में इस पद के लिए सबसे उपयुक्त थे.

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link