रतन टाटा की `मिडिल क्लास` वाली दुकान, एड पर नहीं खर्च करती चवन्नी, न देती है एक भी रुपये का डिस्काउंट, फिर भी कमाई ₹7000 करोड़, दुकान के बाहर लगती है भीड़
Zudio Showroom: इस ब्रांड की सबसे खास बात है कि ये न तो कोई छूट देती है और न ही कंपनी उसके विज्ञापन पर कुछ खर्च करती है. बावजूद इसके इस ब्रांड के शोरूम पर भारी भीड़ होती है. भीड़ इतनी की बिलिंग के लिए लोगों को लंबी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. टाटा की ये दुकान मिडिल क्लास की फेवरेट है.
टाटा की दुकान
TATA Zudio Success: जब भी भरोसे और विश्वास की बात होती है, सबसे पहले किसी कंपनी का नाम जहन में आता है तो वो हैं टाटा. सूई से लेकर हवाई जहाज तक उड़ाने वाली कंपनी टाटा का एक ब्रांड ऐसा भी है, जिसके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं. इस ब्रांड की सबसे खास बात है कि ये न तो कोई छूट देती है और न ही कंपनी उसके विज्ञापन पर कुछ खर्च करती है. बावजूद इसके इस ब्रांड के शोरूम पर भारी भीड़ होती है. भीड़ इतनी की बिलिंग के लिए लोगों को लंबी लाइन में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है. टाटा की ये दुकान मिडिल क्लास की फेवरेट है. ये किस्सा है फैशन और गारमेंट्स ब्रांड Zudio की .
न विज्ञापन, न ही छूट फिर भी 7000 करोड़ की कंपनी
हम बात कर रहे हैं टाटा के जूडियो ( Zudio) की. अच्छी क्वालिटी और सही दामों पर फोकस करके टाटा की ये कंपनी आज 7000 करोड़ की बन चुकी है. बता दें कि जूडियो एक फैशन रिटेल ब्रांड है, जो टाटा समूह की कंपनी Trent.Ltd का हिस्सा है. कंपनी का रेवेन्यू 12375 करोड़ रुपये है. जिसमें से जूडियो का रेवेन्यू ही अकेले 7000 करोड़ का है. टाटा के इस ब्रांड ने मार्केटिंग के बजाए ग्राहकों को सस्ते दाम पर अच्छे प्रोडक्ट्स उपलब्ध करवाकर ये सफलता हासिल की है. मिडिल क्लास के बीच पॉपुलर फैशन और गारमेंट्स ब्रांड जूडियो विज्ञापन पर एक भी रुपया खर्च नहीं करती और न ही इसके प्रोडक्ट्स पर कोई डिस्काउंट दिया जाता है. बावजूद उसके इसने 7000 करोड़ रुपये का रेवेव्यू हासिल किया है.
टाटा का अलग अंदाज
बहुत कम समय में ही टाटा का ये ब्रांड लोगों के बीच पॉपुलर हो गया. टाटा के जूडियो का सामना बड़े-बड़े ब्रांड्स से है, लेकिन अपनी अलग बिजनेस स्ट्रेटजी के दम पर कंपनी ने लोगों के बीच अपनी पहचान बना ली है. सही दाम और क्वालिटी पर फोकस कर कंपनी ने माउथ टू माउथ पब्लिसिटी हासिल की है. कंपनी ने महंगे विज्ञापनों पर खर्च बचाकर प्रोडक्टर की क्वालिटी पर फोकस बढ़ाया है. लोगों के भरोसे का ही असर है कि देश के 163 शहरों में इसके 545 स्टोर है. अब दुबई में भी टाटा का जूडियो शोरूम खुल चुका है.
क्यों कम होती है जूडियो प्रोडक्ट की कीमत
कंपनी के पास अपनी इनहाउस डिजाइनिंग टीम है. जिसकी वजह से डिजाइन पर होने वाला उसका खर्च कम हो जाता है. कंपनी ऐसी जगहों पर अपने शोरूम खोलती है, जहां तक लोगों की पहुंच आसान हो. कंपनी का फोकस डिजाइनिंग के साथ-साथ फैब्रिक की क्वालिटी पर है. जिन सबका फायदा कंपनी को मिल जाता है. कंपनी मास प्रोडक्शन पर फोकस करती है. कपड़े, जूते और तरह-तरह के एक्सेसरीज को कम कीमत के साथ जूडियो मिडिल क्लास की जरूरतों को पूरा करने में सफल रही है, जिसका फायदा कंपनी को मिल रहा है. टाटा की बिजनेस स्ट्रेटजी का ही नतीजा है कि बिना डिस्काउंट और बिना विज्ञापन के भी कंपनी अच्छा रेवेन्यू जेनरेट कर रही है.
क्यों सस्ते होते हैं जूडियो के कपड़े
दरअसल कोई भी कंपनी एक ड्रेस को डिजाइन करने में लाखों खर्च कर देती है. फेमस डिजाइनर हायर किए जाते हैं, लेकिन जूडियो ऐसा नहीं करती. उसकी इनहाउस डिजाइन टीम हैं, जिसमें फैशन इंस्ट्रीट्यूट के बच्चों को काम करने का मौका मिलता है. जिसकी वजह से इसकी डिजाइनिंग कॉस्ट कम हो जाती है. इसके अलावा कंपनी बल्क मैन्चुफैक्चरिंग करती है. नए डिजाइन के साथ-साथ मार्केट में मौजूदा डिजाइन की कॉपी कर कम खर्च कर पैसे बचाती है.