Independence Day 2024: शहीदों के शव से उतरे और फटे तिरंगे का क्या होता है, जान लीजिए नेशनल फ्लैग को लेकर जरूरी नियम
National Flag Rules: देश की आजादी के 77 साल पूरे हो गए हैं और देशभर में 78वें स्वतंत्रता दिवस (78th Independence Day) का जश्न मनाया जा रहा है. इस समय देशभर में `हर घर तिरंगा` अभियान चलाया जा रहा है और हर किसी ने अपने घरों के अलावा अन्य जगहों पर तिरंगा लगाया है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि राष्ट्रध्वज (National Flag) फटने पर क्या किया जाता है? इसके अलावा शहीदों के पार्थिव शरीर से उतारे गए तिरंगे का क्या किया जाता है. तो चलिए आपको विस्तार से तिरंगे को लेकर नियम और इससे जुड़े कुछ अहम फैक्ट्स बताते हैं.
2022 में शुरू हुआ हर घर तिरंगा अभियान
मोदी सरकार ने साल 2022 में आजाती के 75 साल पूरे होने के मौके पर 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरुआत की थी. तिरंगा फहराने और घर पर लगाने से पहले आपको ये जानना जरूरी है कि इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है. वरना राष्ट्रीय ध्वज का अपमान करने पर तीन साल तक की सजा हो सकती है.
फ्लैग कोड 2002
तिरंगा फहराने से जुड़े नियम फ्लैग कोड 2002 (Flag Code 2002) के तहत आते हैं. ये फ्लैग कोड 26 जनवरी 2002 को लागू किया गया था. इसके बाद ही देश के हर नागरिक को तिरंगा फहराने का अधिकार मिला. वहीं, साल 2022 में 'हर घर तिरंगा' अभियान की शुरुआत करने के साथ ही सरकार ने फ्लैग कोड में भी कई बदलाव किए थे.
2022 में हुए थे बदलाव
2022 में फ्लैग कोड में बदलाव किए गए थे और आम लोगों को रात में भी तिरंगा फहराने की इजाजत मिल गई थी. इससे पहले सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही तिरंगा फहराने की अनुमति थी. इसके साथ ही मशीन से बने कपास, ऊन या रेशमी खादी के साथ ही पॉलिएस्टर से बना तिरंगा फहराने की भी अनुमति दी गई. इससे पहले हाथ से बुना और काता हुआ ऊन, कपास या रेशमी खादी से बना तिरंगा फहराने की ही इजाजत थी.
फटे तिरंगे का क्या होता है?
अगर तिरंगा फट जाए तो उसके लिए भी नियम है और उसे इसी तरह फेंक नहीं सकते हैं. फ्लैग कोड के मुताबिक, अगर तिरंगा फट जाए तो उसे सम्मानित तरीके से दफना सकते हैं. या फिर तिरंगे को सम्मान के साथ एकांत में जलाकर नष्ट कर सकते हैं.
शहीदों के शव से उतरे तिरंगे का क्या होता है
देश के लिए शहीद होने वाले जवानों को सम्मान देने के लिए उनके पार्थिव शरीर को तिरंगे में लपेटा जाता है. शहीदों शव पर तिरंगे को इस तरह रखा जाता है कि केसरिया पट्टी को सिर की तरफ और हरी पट्टी को पैरों की तरफ हो. शहीद के अंतिम संस्कार से पहले तिरंगे को उतार लिया जाता है और फिर सम्मान के साथ नष्ट कर दिया जाता है.