न जमीन , न आकाश और न पाताल ... नदी को चीर कर दौड़ती है यह ट्रेन, भारत की पहली अंडर वाटर रेल का किराया, रूट-टाइमिंग सब जानिए
India Frst Underwater Train: पहाड़ी इलाकों में, जंगलों में, समंदर और नदियों के ऊपर दौड़ती ट्रेन आपको पहले कई बार देखी बी होगी और सफर भी किया होगा, लेकिन ट्रेन सफर की बात आज हम करने जा रहे हैं वो बेहद रोमांचक है.
Under Water Train
Under Water Train: पहाड़ी इलाकों में, जंगलों में, समंदर और नदियों के ऊपर दौड़ती ट्रेन आपको पहले कई बार देखी बी होगी और सफर भी किया होगा, लेकिन ट्रेन सफर की बात आज हम करने जा रहे हैं वो बेहद रोमांचक है.
पानी के नीचे दौड़ती ट्रेन
ये सफर पानी के ऊपर नहीं बल्कि पानी के नीचे है. इस सफर में ट्रेन पानी के नीचे दौड़ती है. अगर आप सोच रहे हैं कि ये किसी हॉलीवुड मूवी का कोई सीन है तो आप गलत हैं. अगर आपको लग रहा है ये चीन और अमेरिका जैसे देश की बात है तो भी आप गलत है. हमारे देश में एक ट्रेन ऐसी है जो नदी के नीचें दौड़ती है.
नदी के नीचे दौड़ती ट्रेन
जरा सोचिए वो सफर कितना रोमांचक होगा, जब नदी के नीचे से आपकी ट्रेन गुजरेगी. प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इसी साल 6 मार्च को भारत की पहली अंडरवाटर मेट्रो का उद्घाटन किया था.
कोलकाता मेट्रो के एस्प्लेनेड सेक्शन
इस खास मेट्रो लाइन का एक हिस्सा हुगली नदी के नीचे से गुजरता है. कोलकाता मेट्रो के एस्प्लेनेड सेक्शन का हिस्सा है. हुगली नदी के दो छोरों पर बसे हावड़ा और साल्ट लेक सिटी से जोड़ने वाली यह मेट्रो ट्रेन 16.5 किमी लंबी दूरी है.
पहली बार भारत में नदी के आंदर दौड़ी ट्रेन
कोलकाता का अंडरवाटर मेट्रो देश की पहली मेट्रो है, जो पानी के नीचे दौड़ती है. करीब 4,965 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस मेट्रो को यात्रियों के लिए खोल दिया गया है. मार्ग का अंडरवाटर हिस्सा हुगली नदी के नीचे 4.8 किलोमीटर का है. इस दूरी को तय करने में ट्रेन को 45 सेकंड का वक्त लगता है.
45 सेकेंड तक पानी के अंदर रहती है ट्रेन
हावड़ा मेट्रो स्टेशन जमीन से 33 मीटर नीचे बना है. देश का सबसे गहरा मेट्रो स्टेशन नदी के नीचे बनी सुरंग जलस्तर से 32 मीटर नीचे है. इस मेट्रो लाइन पर 12 स्टेशन हैं, जिसमें से 3 स्टेशन पानी के नीचे बने हैं.
क्या है इस अंडरवाटर मेट्रो में खास
इस अंडरवाटर मेट्रो में लोगों का 5G इंटरनेट की सुविधा मिलती है. देश के पहले अंडरवाटर मेट्रो को वर्लड क्लास तकनीक पर बनाया गया है. हुगली नदी के नीचे टनल बनाने के अंदर चलने वाली ट्रेन में पानी की एक बूंद तक नहीं आ सकती. इस टनल को बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील का इस्तेमाल हुआ है. वहीं नदी के नीचे सुरंग बनाने के लिए अर्थ प्रेशर बैलेंस टनल मशीनों का इस्तेमाल किया गया.
अंडरवाटर मेट्रो टिकट का किराया
अंडरवाटर मेट्रो के लिए टिकट 5 रुपये से शुरू होकर दूरी के आधार पर 50 रुपये तक है. पहले दो किलोमीटर के लिए किराया 5 रुपये से शुरू होता है और सबसे लंबी दूरी के लिए 50 रुपये तक पहुंच जाता है.