ये हैं भारत के 5 सबसे ऊंचे और बड़े बांध, एक का नाम है दुनिया के टॉप 10 की लिस्ट में शामिल

एग्रीकल्चर के क्षेत्र में आगे रहने के लिए बांधों की अपनी महत्ता है, किसी भी देश की जमीन को हरा बनाए रखने के लिए बांध बहुत जरूरी होते हैं, बांधों के माध्यम से ही घरेलू, व्यवसाय और फसलों की सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध होता है.

आरती आज़ाद Wed, 22 Nov 2023-11:45 am,
1/5

टिहरी बांध

यह भारत का पहला और दुनिया का 8वां सबसे ऊंचा बांध है. इस बांध की ऊंचाई 260 मीटर है, जो 575 मीटर की लंबाई 20 मीटर की चोटी की चौड़ाई और आधार चौड़ाई 1,128 मीटर के साथ 52 वर्ग किलोमीटर के सतह क्षेत्र पर फैला है. यह विश्व की सबसे महत्वपूर्ण जलविद्युत जल परियोजना है, जो हिमालय से बहने वाली भागीरथी और भिलंगना नदियों से पानी लेती है.  पानी की आपूर्ति के अलावा इस बांध से 1,000 मेगावाट बिजली पैदा होती है. साल 1978 में टिहरी बांध का बनना शुरू हुआ और 2006 में यह बनकर तैयार हुआ.

 

2/5

भाखड़ा नांगल बांध

पंजाब और हिमाचल प्रदेश की सीमा पर स्थित बांध सतलुज नदी पर बना है. यह भारत का सबसे बड़ा और ऊंचाई में दूसरे नंबर पर है. भाखड़ा नांगल के जलाशय को 'गोबिंद सागर' भी कहा जाता है. यह भारत का तीसरा सबसे बड़ा जलाशय है. यह विशाल बांध राजस्थान, हरियाणा और पंजाब इन तीनों राज्य की सरकारों का साक्षा प्रोजेक्‍ट है.

3/5

सरदार सरोवर बांध

यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा बांध है. गुजरात में नर्मदा नदी पर बने यह बांध 138 मीटर ऊंचा है. इसका निर्माण 1979 में शुरू किया गया. इस बांध के जरिए गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र और राजस्थान इन चार राज्यों को फायदा मिलता है. इस बांध की बिजली पैदा करने की क्षमता 1,450 मेगावाट है. 

4/5

हीराकुंड बांध

हीराकुंड बांध दुनिया के सबसे लंबे बांधों में से एक है, जो ओडिशा में महानदी नदी पर निर्मित किया गया है. खास बात यह है कि यह बांध दुनिया में सबसे लंबा मानव निर्मित बांध है. यह मिट्टी के कंक्रीट और पत्थर की संरचना है.  बांध की ऊंचाई 200 फीट है, जिसमें 26 किमी की लंबाई है। इसकी 347.5 मेगावाट्स विद्युत उत्पादन क्षमता हैं। बांध की झील को हीराकुंड जलाशय कहा जाता है. 

5/5

नागार्जुन सागर बाध

यह विश्व का सबसे बड़ा चिनाई वाला बांध है, जो कृष्णा नदी पर निर्मित किया गया है. इस बांध की ऊंचाई 490 फीट और लंबाई 1.6 किलोमीटर है. इस बांध की क्षमता 11, 472 मिलियन क्यूबिक मीटर है, जिसकी बिजली उत्पादन क्षमता 815.6 मेगावाट की है. बांध का नाम बौद्ध भिक्षु आचार्य नागार्जुन के नाम पर रखा गया है. इस बांध का निर्माण 1972 में किया गया था. 

 

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link