Indian Railway: रेलवे की `परदादी` ट्रेनें जो आज भी पटरियों पर भर रही फर्राटे, किसी की उम्र 156 साल तो कोई 112 साल पुरानी
भारतीय रेलवे का इतिहास 187 साल पुराना है. देश में पहली बार साल 1937 में पटरी पर दौड़ी थी. वहीं पहली बार 1853 में यात्री रेल ने सफर तय किया था. ये ट्रेन रोज लाखों यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाती हैं. समय के साथ ट्रेनों की रफ्तार और सुविधाएं बढ़ रही है.
रेलवे की सबसे पुरानी ट्रेनें
Indian Railway Oldest Trains: भारतीय रेलवे का इतिहास 187 साल पुराना है. देश में पहली बार साल 1937 में पटरी पर दौड़ी थी. वहीं पहली बार 1853 में यात्री रेल ने सफर तय किया था. ये ट्रेन रोज लाखों यात्रियों को अपनी मंजिल तक पहुंचाती हैं. समय के साथ ट्रेनों की रफ्तार और सुविधाएं बढ़ रही है. राजधानी एक्सप्रेस, शताब्दी एक्सप्रेस, दूरंतो और वंदे भारत जैसी ट्रेनें पटरियों पर दौड़ने लगी है, लेकिन इन हाईटेक ट्रेनों के बीच आज भी कुछ ट्रेनें हैं, जो सालों से रफ्तार भर रही है. ये भारत की सबसे उम्रदराज ट्रेनें हैं. कोई 150 साल पुरानी है तो कोई 110 साल...आज ऐसी ही पांच ट्रेनों की कहानी जानते हैं, जो सालों से रफ्तार भर रही है.
112 साल से पटरी पर दौड़ रही ये ट्रेन
पंजाब मेल (Punjab Mail) भारतीय रेल की सबसे पुरानी और लंबी दूरी वाली ट्रेनों में से एक है. साल 1912 में पहली बार ये ट्रेन पटरी पर दौड़ी और उसके बाद से लगातार दौड़ रही है. बीते 112 सालों से यह ट्रेन चलती जा रही है. आज के समय में पंजाब मेल सेंट्रल रेलवे जोन में आती है और मुंबई और फिरोजपुर के बीच चलती है. ब्रिटिश काल में इसे सबसे तेल ट्रेन का खिताब मिला था. उस वक्त ये बंबई से पेशावर ( पाकिस्तान) के बीच चलती थी.
साल 1928 से दौड़ रही ये ट्रेन , पहली बार लगाया गया था AC
पंजाब मेल शुरू होने के करीब 16 साल बाद इस ट्रेन की शुरुआत की गई थी. ब्रिटिश काल में चलने वाली फ्रंटियर मेल सबसे पॉपुलर ट्रेनों में शामिल थी. साल 1934 में सबसे पहले इसी ट्रेन में एसी लगाया गया था. आज भी ये ट्रेन पटरी पर दौड़ रही है. आज ये ट्रेन मुंबई से दिल्ली होते हुए अमृतसर को जाती है. साल 1996 में फ्रंटियर एक्सप्रेल का नाम बदलकर गोल्डन टेंपल एक्सप्रेस रख दिया गया था.
साल 1929 से दौड़ रही यह ट्रेन
जीटी एक्सप्रेस के नाम से मशहूर यह ट्रेन साल 1929 से पटरी पर दौड़ रही है. ग्रैंड ट्रंक एक्सप्रेस भारत पेशावर से मैंगलोर की दूरी को 104 घंटे में पूरी करती थी. बाद में इसे लाहौर से मेट्टुपलायम तक बढ़ाया गया. आजादी के बाद यह नई दिल्ली से चेन्नई के बीच दौड़ रही है.
156 साल की कालका मेल
साल 1866 में कालका मेल पटरी पर दौड़ने लगी थी. उसके बाद से वो लगातार दौड़ रहा है. हालांकि उसका नाम बदल गया है. 1886 से अब तक ये ट्रेन दौड़ रही है. पहले ये ईस्ट इंडियन रेलवे मेल के नाम से दौड़ती थी. साल 2021 में इसका नाम बदलकर नेताजी एक्सप्रेस कर दिया गया. बीते 156 सालों से भारतीय रेलवे की शान यह ट्रेन
बॉम्बे पूना मेल
बॉम्बे-पूना मेल 1869 में पहली बार चली थी. यह मुंबई और पुणे के बीच शुरू हुई पहली इंटरसिटी ट्रेन थी. ब्रिटिश राज में इस ट्रेन को बेहतरीन ट्रेनों में से एक माना जाता था. बता दें कि देश की पहली ट्रेन रेड हिल रेलवे थी, जो 1837 में रेड हिल्स से चिंताद्रिपेट पुल तक 25 किलोमीटर चली थी.