Indian Railways: फायदा नहीं इस ट्रेन ने द‍िया नुकसान, घाटे का आंकड़ा सुनकर ही भौचक्‍के रह जाएंगे आप

Indian Railways Facts: आपने ट्रेनों के फायदा देने की खबरें तो पढ़ी होंगी लेक‍िन अगर आपसे कोई कहें क‍ि क‍िसी ट्रेन से रेलवे को बड़ा घाटा द‍िया है तो शायद आपको यकीन ही न हो. लेक‍िन एक ट्रेन के साथ कुछ ऐसा ही हुआ है. रेलवे ने प‍िछले द‍िनों कमाई और नुकसान देने वाली ट्रेनों से जुड़ी जानकारी शेयर की.

क्रियांशु सारस्वत Sat, 23 Nov 2024-2:37 pm,
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रेलवे के तरफ से जारी जानकारी के अनुसार बेंगलुरू राजधानी एक्सप्रेस कमाई के मामले में नंबर 1 पर रही और ट्रेन ने एक साल के दौरान र‍िकॉर्ड 176 करोड़ की कमाई की. लेक‍िन तेजस एक्‍सप्रेस ने आईआरसीटीसी को सबसे ज्‍यादा नुकसान द‍िया. द‍िल्‍ली से चलने वाली एक ट्रेन ने पूरे 63 करोड़ रुपये का नुकसान द‍िया है. सुनने के बाद शायद आपको पहली बार इस पर यकीन न हो लेक‍िन यही सच है. रेलवे की तरफ से तेजस ट्रेनों का संचालन निजी ऑपरेटर्स को सौंपा गया था.

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फ‍िलहाल दिल्ली से लखनऊ और मुंबई से अहमदाबाद के बीच तेजस ट्रेनों का संचालन क‍िया जाता है. साल 2022 में आईआरसीटीसी की तरफ से दी गई जानकारी के अनुसार ये दोनों ही ट्रेनें घाटे में चल रही हैं. साल 2022 के आंकड़े के अनुसार द‍िल्‍ली से लखनऊ वाया कानपुर सेंट्रल तेजस ट्रेन 27.52 करोड़ के घाटे में चल रही है. यात्री नहीं म‍िलने और लगातार घाटे के कारण तेजस ट्रेन के फेरे भी घटा द‍िये गए थे.

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पहले हफ्ते में छह दिन चलने वाली इस ट्रेन को बाद में चार ही द‍िन कर द‍िया गया. ट्रेन के घाटे का कारण इसकी रोजाना 200 से 250 सीटें खाली रहना है. इसकी सीटें इसल‍िए खाली रह जाती हैं क‍ि इसके आगे राजधानी और शताब्दी एक्‍सप्रेस चलती है.

 

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इन दोनों का किराया तेजस से कम है लेक‍िन सुव‍िधाओं के मामले में ये तेजस से कम नहीं हैं. ऐसे में यात्री तेजस को व‍िकल्‍प के रूप में ही रखते हैं. कोरोना के बाद तेजस की फ्रीक्वेंसी कम-ज्‍यादा की गई. यात्री कम होने पर साल 2019 से 2022 के बीच इसका अस्थायी रूप से 5 बार परिचालन बंद किया गया था.

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लखनऊ-नई दिल्ली रूट पर तेजस को 2019-20 में 2.33 करोड़ का फायदा हुआ था. लेक‍िन इसके बाद 2020-21 में 16.69 करोड़ रुपये का घाटा और साल 2021-22 में 8.50 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था. रेलवे ने 2019 में आईआरसीटीसी को अहमदाबाद-मुंबई और लखनऊ-दिल्ली तेजस ट्रेन का संचालन करने की ज‍िम्‍मेदारी दी थी.

 

 

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तीन साल में दोनों ट्रेनों का घाटा बढ़कर 62.88 करोड़ रुपये पर पहुंच गया. इस पर आईआरसीटी के अध‍िकार‍ियों ने कहा था क‍ि कोरोना काल में लंबे समय तक ट्रेनों का संचालन बंद रहने पर भी रेलवे को क‍िराया द‍िया गया था. स्‍थ‍ित‍ि सामान्‍य होने पर चीजें सही हो जाएंगी.

 

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