बनते-बनते लग गए दो दशक...वसूला जाता है सबसे ज्यादा टोल टैक्स, पढ़ें देश के पहले एक्सप्रेसवे की रोचक कहानी

Mumbai Pune Expressway: 1,386 किमी लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे कौन है?

सुदीप कुमार Dec 15, 2024, 17:17 PM IST
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एक शहर से दूसरे शहर के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए देश में कई एक्सप्रेस वे बनाए गए हैं. भारत में लगभग 44 हाई-स्पीड एक्सप्रेसवे हैं. 1,386 किमी लंबा दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे देश का सबसे लंबा एक्सप्रेसवे है. लेकिन क्या आपको पता है कि भारत का सबसे महंगा एक्सप्रेसवे कौन है? इसका निर्माण 1972 में शुरू हुआ था. साल 1999 में इसका एक सेक्शन जबकि अप्रैल 2002 में पूरा एक्सप्रेसवे आम लोगों के लिए ओपन कर दिया गया था.

 

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देश का पहला एक्सप्रेसवे यानी मुंबई-पुणे एक्सप्रेस-वे देश का सबसे महंगा एक्सप्रेस-वे माना जाता है. यह एक्सप्रेस-वे सिर्फ अपनी लागत के लिए ही नहीं, बल्कि यात्रा के अनुभव के लिए भी खास है. मुंबई और पुणे को जोड़ने वाला यह छह लेन वाला एक्सप्रेस-वे 2002 में महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम (MSRDC) द्वारा लगभग 1,630 करोड़ रुपये की लागत से तैयार किया गया था. 

 

 

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इस एक्सप्रेसवे की लंबाई 94.5 किलोमीटर है और यह देश का पहला एक्सेस-कंट्रोल रोड भी था. इस एक्सप्रेस-वे की खासियत यह है कि इस एक्सप्रेसवे के बन जाने से ट्रैवल टाइम तीन घंटे से घटकर सिर्फ एक घंटा हो गया है, जिससे दोनों शहरों के बीच यात्रा काफी आसान और तेज़ हो गई है.

 

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हालांकि, मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे पर सफर काफी महंगी है, क्योंकि यहां टोल टैक्स अन्य राष्ट्रीय राजमार्गों की तुलना में अधिक हैं, एक चार पहिया वाहन के लिए इस एक्सप्रेस-वे का टोल 320 रुपये है. यानी एक किलोमीटर के लिए 3.40 रुपये, जो कि देश के अन्य एक्सप्रेसवे की औसत टोल दर से एक रुपये अधिक है. 

 

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हर साल इस एक्सप्रेस-वे का टोल 6% बढ़ता है, इस तरह हर तीन साल में टोल में 18% की बढ़ोतरी की जाती है. अप्रैल 2023 में टोल में आखिरी बार बदलाव किया गया था, जब चार पहिया वाहनों के लिए टोल 270 रुपये से बढ़कर 320 रुपये कर दिया गया. इसके साथ ही मिनीबस और टेम्पो के लिए टोल 495 रुपये से बढ़ाकर 420 रुपये कर दिया गया.

 

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ट्रकों का टोल भी बढ़कर 685 रुपये हो गया है, जो पहले 585 रुपये था. इसी तरह बसों के लिए टोल 797 रुपये से बढ़कर 940 रुपये हो गया. अधिकारियों के मुताबिक, अब 2030 तक टोल में कोई और बढ़ोतरी नहीं की जाएगी, क्योंकि अगले तीन सालों में (2026 तक) इसमें कोई संशोधन नहीं होगा.

 

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