हाथ पैर और शरीर पर होने लगे हैं लाल चकत्ते और सूजन? डॉक्टर ने बताई बड़ी वजह
Causes of inflammation : अगर आपके चेहरे, हाथ-पैर या शरीर पर लाल चकत्ते दिख रहे हैं और उनमें जलन भी हो रही है, तो इसका मतलब है कि आपको इंफ्लेमेशन (inflammation symptoms) हो रहा है. ये किसी बड़ी बीमारी की वजह से हो सकता है. आइये जानते हैं.
जानिये क्या है इंफ्लेमेशन
आपको बता दें कि इंफ्लेमेशन कोई बीमारी नहीं है. हमारी बॉडी खास तरह के केमिकल रिलीज करती है, जो शरीर को इंफेक्शन से लड़ने के लिए तैयार करते हैं. इनकी वजह से ही इंफेक्शन और डैमेज हो चुके टिशु ठीक होते हैं. इसी को इंफ्लेमेशन कहते हैं. लेकिन जब ये इंफ्लेमेशन क्रोनिक रूप में आ जाता है तो शरीर को लाभ की जगह हानि पहुंचाने लगता है. दरअसल, क्रोनिक इंफ्लेमेशन, हेल्दी सेल्स को मारना शुरू कर देता है. ये टिशु और बॉडी के ऑर्गन्स पर भी हमलावर हो जाता है. इसके वजह से शरी पर जगह-जगह लाल चकत्ते और जलने जैसा होने लगता है. शरीर में सूजन भी आने लगता है.
इन बीमारियों के कारण हो सकता है इंफ्लेमेशन
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार, इंफ्लेमेशन कई वजहों से हो सकता है. इंफ्लेमेशन के लिए जो वजहें जिम्मेदार हैं, उसमें डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापा जैसी बीमारियां जिम्मेदार हैं. इनकी वजह से शरीर में इन्फ्लेमेशन का स्तर बढ़ सकता है.
दिमाग की कोशिकाओं में इंफ्लेमेशन
सर गंगा राम अस्पताल के मेडिसिन विभाग के कंसल्टेंट डॉ. विनस तनेजा के अनुसार शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली के ज्यादा सक्रिय होने या लंबे समय तक संक्रमण के कारण दिमाग की कोशिकाओं में इन्फ्लेमेशन होता है. इससे तंत्रिका तंत्र कमजोर होती है और चेतना में कमी आती है. यानी धीरे-धीरे आपके सोचने और समझने की क्षमता खत्म होने लगती है.
बुजुर्गों को इसका ज्यादा खतरा
बुजुर्गों में इसका जोखिम अधिक होता है. इसके अलावा डायबिटीज, हृदय रोग और मोटापा जैसी बीमारियों के शिकार लोगों में भी चेतना की कमी का जोखिम ज्यादा होता है.
खराब लाइफस्टाइल भी हो सकती है वजह
गुरुग्राम के न्यूरोइंटरवेंशन पारस हॉस्पिटल के समूह निदेशक डॉ. विपुल गुप्ता ने IANS से कहा कि जीवनशैली के कारक भी इन्फ्लेमेशन में योगदान दे सकते हैं. इसमें कम शारीरिक गतिविधि का स्तर, तनाव, मोटापा, अस्वस्थ खाने की आदतें जैसे - तैलीय, जंक फूड या खाद्य पदार्थों का सेवन, नींद की गड़बड़ी, वायु प्रदूषण धूम्रपान और शराब का सेवन शरीर पर बुरा प्रभाव डालता है.
बार-बार बुखार आने जाने की वजह से
इनफ्लेमेशन तब होता है जब किसी को बुखार या संक्रमण होता है, जो बार-बार आता-जाता रहता है. हालांकि, कुछ स्थितियों में लंबे समय तक बना रहने वाला इन्फ्लेमेशन भी हो सकता है. अध्ययनों से पता चला है कि गठिया से पीड़ित रोगियों में, खासकर जो मोटे होते हैं, चेतना में कमी या दिमाग के कम काम करने का जोखिम अधिक होता है.
फिजिकल एक्टिविटी
गुप्ता ने कहा कि इसे रोकने के लिए रोजाना शारीरिक गतिविधि और व्यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल करना चाहिए. धूम्रपान और शराब से बचने और फल तथा सब्जियां खाने से लाभ मिलता है. पुराना तनाव भी इन्फ्लेमेशन का कारण बन सकता है. उन्होंने इससे बचने के लिए ध्यान और रिलैक्सेशन जैसे उपाय अपनाने की सलाह दी.