Weather Update: कहीं बर्फ का कहर, कहीं डूब गए इलाके; नॉर्थ से साउथ तक मौसम ने बरपाया सितम
Weather News: उत्तर से लेकर दक्षिण भारत तक प्रकृति का कहर जारी है. जम्मू-कश्मीर में बर्फ का सितम है तो दक्षिण में बारिश का कहर. मौसम की पहली भारी बर्फबारी के बाद कश्मीर का गुलमर्ग एक शीतकालीन वंडरलैंड में बदल गया है. कश्मीर के सबसे शानदार विंटर स्पॉट पर हजारों पर्यटक उमड़ पड़े. दूसरी ओर मूसलाधार बारिश से दक्षिण तमिलनाडु के तिरुनेलवेली और थूथुकुडी सहित कई क्षेत्र पानी में डूब गए हैं और यहां के गांव, कस्बे, सड़कें और राजमार्ग में बाढ़ का पानी नदियों की तरह उफना रहा है. बाढ़ का पानी घुसने के कारण तिरुनेलवेली के सीवलापेरी इलाके में अनेक स्थानीय निवासियों ने दो मंजिला घरों की छत पर शरण ली है. लेकिन पहले बात करेंगे जम्मू-कश्मीर की.
गुलमर्ग जम्मू-कश्मीर की खूबसूरत घाटी बर्फ की ताजा परत से ढक जाने के बाद सफेद चादर में बदल गई है, जिससे यह क्षेत्र मनमोह लेने वाले विंटर वंडरलैंड में बदल गया है. जैसे ही मौसम की पहली भारी बर्फबारी हुई, इस खूबसूरत घाटी की सुंदरता ने नई ऊंचाइयों को छू लिया. विभिन्न हिस्सों से घाटी में आने वाले पर्यटक बर्फ देखने के लिए गुलमर्ग का रुख करते दिख रहे हैं. गुलमर्ग में तापमान सामान्य से नीचे माइनस 8 दर्ज किया गया, लेकिन यह पर्यटकों को बर्फ का आनंद लेने से नहीं रोक पाया है.
राजस्थान के पर्यटक अनुराग सिंह ने कहा, 'मुझे यहां बहुत अच्छा लग रहा है, यह धरती पर स्वर्ग है. मैंने अपने जीवन में कभी बर्फ नहीं देखी है, इसलिए यह मेरे लिए एक मंत्रमुग्ध कर देने वाला अनुभव था. मैं वास्तव में यहां से वापस नहीं जाना चाहता. मैं अपने सभी दोस्तों को यहां घूमने के लिए कहूंगा क्योंकि यह पूरी दुनिया की सबसे खूबसूरत जगह है.' सीजन की यह पहली बर्फबारी गुलमर्ग को विंटर वंडरलैंड में बदलने की शुरुआत है. यह खूबसूरत घाटी न केवल बर्फ से ढके खूबसूरत दृश्यों के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि गुलमर्ग गंडोला केबल कार के लिए भी जाना जाता है, जो पर्यटकों को दो स्थानों तक ले जाती है.
पहला चरण 11 हजार फीट की ऊंचाई पर कोंगडोरी है और दूसरा चरण 14550 फीट की ऊंचाई पर स्थित पर्वत शिखर अपरवाठ है जो इसे सबसे ऊंची केबल कार बनाता है. केबल कार की सवारी के लिए पर्यटकों की कतार लगी रहती है क्योंकि यह गुलमर्ग और उसके बर्फ से ढके पहाड़ों का एक यादगार सफर और दृश्य प्रदान करती है. एक पर्यटक अर्पिता ने कहा, 'गंडोला केबल कार की सवारी करना बहुत अच्छा अनुभव था और यहां के दृश्य अद्भुत हैं, यह वास्तव में स्नो वंडरलैंड जैसा दिखता है, हमने ऐसी सुंदरता कभी नहीं देखी है. यह मेरे जीवन का सबसे अच्छा समय है, मैं उन क्षणों को कभी नहीं भूलूंगा.
अपरवाठ और कोंगडोरी चोटियां एक और बर्फबारी होने की प्रतीक्षा कर रही हैं और यह शीतकालीन एडवेंचर स्पोर्ट्स सेंटर में बदल जाएगा, क्योंकि इसकी वाइल्ड स्कीइंग स्लोप्स और नरम बर्फ पाउडर गुलमर्ग को दुनिया का सबसे अच्छा स्की डेस्टिनेशन बनाता हैं. न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्कीयर्स ने पहले से ही गुलमर्ग में स्कीइंग करने के लिए अपने कमरे बुक कर लिए हैं. बर्फ की मात्रा जैसे ही गुलमर्ग में बढ़ जाती हैं तो गुलमर्ग में स्नो बोर्डिंग, स्नो रग्बी और कई अन्य स्नो गेम्स आयोजित किए जाते हैं.
पर्यटन को जम्मू कश्मीर की अर्थव्यवस्था की रीढ़ माना जाता है और इस साल गर्मियों और शरद ऋतु में पर्यटन पहले से ही रिकॉर्ड तोड़ रहा था. सरकारी आंकड़ों के अनुसार, जम्मू कश्मीर में आने वाले पर्यटकों की संख्या 2 करोड़ का आंकड़ा पार कर गई थी, जो आजादी के बाद अब तक का सबसे अधिक है और अब यही उम्मीद है किए शीतकालीन पर्यटन में भी पर्यटकों की संख्या पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ देगी.
गुलमर्ग में अगले साल के पहले हफ्ते तक फुल बुकिंग है और लोगों ने गुलमर्ग में व्हाइट क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए पहले से ही अपने आवास बुक कर लिए हैं. गुलमर्ग कश्मीर के अलावा सोनमर्ग, पहलगाम और दूधपथरी जैसी कई अन्य जगहों को भी अब सरकार शीतकालीन पर्यटकों के लिए तैयार हैं.
तमिलनाडु के तूत्तुक्कुडि जिले के श्रीवैकुंटम में लगभग 800 रेल यात्री फंसे हुए हैं. मंदिर नगरी तिरुचेंदूर से चेन्नई जाने वाली एक्सप्रेस ट्रेन के यात्री श्रीवैकुंटम में लगभग 20 घंटे फंसे हुए हैं, जो बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र है. एक अधिकारी ने कहा कि फंसे यात्रियों को निकालने के लिए सभी प्रयास जारी हैं और एनडीआरएफ अधिकारियों को भी सतर्क कर दिया गया है.
तिरुचेंदूर-चेन्नई एग्मोर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 20606) 17 दिसंबर को रात आठ बजकर 25 मिनट पर तिरुचेंदूर से चेन्नई के लिए रवाना हुई. भारी बारिश और बाढ़ की स्थिति के कारण ट्रेन को तिरुचेंदूर से लगभग 32 किलोमीटर दूर श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर रोक दिया गया था. उन्होंने कहा कि कुल मिलाकर 800 यात्री फंसे हुए हैं और उनमें से लगभग 500 श्रीवैकुंटम रेलवे स्टेशन पर और लगभग 300 नजदीकी स्कूल में ठहरे हैं. दक्षिणी रेलवे ने तिरुनेलवेली-तिरुचेंदूर खंड पर श्रीवैकुंटम और सेदुंगनल्लूर के बीच रेल यातायात निलंबन की घोषणा की, क्योंकि बाढ़ में पटरियां पूरी तरह डूबी हुई हैं.