इस मुस्लिम देश का हर व्यक्ति महीने में कमाता है 1 लाख रुपए, जीते हैं जमीदारों जैसी जिंदगी
Kazakhstan Population : अमीर मुस्लिम देश की बात हो तो पहला नाम सऊदी अरब का ही आता है. लेकिन मध्य एशिया के अमीर देशों में एक नाम कजाकिस्तान का भी है. जिसके लोगों की प्रति व्यक्ति आय 1 लाख रुपए है और वे बड़ी-बड़ी जमीनों के मालिक भी हैं.
Kazakhstan Rich People: मुस्लिम देश फिर चाहे वो पाकिस्तान हो, अफगानिस्तान, सोमालिया, समन ऐसे गरीब देशों की लिस्ट बहुत लंबी है. जो भोजन-पानी, शिक्षा-स्वास्थ्य जैसी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरसते हैं. वहीं जब अमीर मुस्लिम देशों की बात हो सऊदी अरब, कुवैत का नाम आता है. ऐसा ही एक नाम और है कजाकिस्तान.
प्रकृति ने खुलकर नवाजा
प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर और बेहद कम आबादी वाले इस देश को कुदरत ने खूब नवाजा है. यहां जीवाश्म ईंधन के महत्वपूर्ण भंडार हैं और यूरेनियम जैसे अन्य खनिज व धातुएं भी हैं, जिनका यह दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक देश है. इसके अलावा यहां से कृषि उत्पाद, कच्चा माल, रासायनिक उत्पाद और उनसे निर्मित सामान का निर्यात होता है.
प्रति व्यक्ति आय 1 लाख रुपए
यहां प्रति व्यक्ति आय सालाना 14,569 अमेरिकी डॉलर है. जो कि भारतीय रुपये में 12 लाख रुपये से अधिक है. यानी कि यहां का हर व्यक्ति हर माह करीब एक लाख रुपये कमाता है.
आकार में भारत के बराबर
कजाकिस्तान देश क्षेत्रफल में करीब-करीब भारत के बराबर है. इस मुल्क का क्षेत्रफल 26.99 लाख स्क्वायर वर्ग किमी है. वहीं अपने देश भारत का क्षेत्रफल 32.87 लाख वर्ग किमी है. यानी कि सिर्फ साढ़े 5 लाख वर्ग किमी छोटा है. लेकिन उसकी आबादी भारत के मामले में ना के बराबर है.
हर व्यक्ति हजारों एकड़ जमीन का मालिक
कजाकिस्तान की आबादी महज 2 करोड़ है. यानी कि भारत में जहां भारत में प्रति वर्ग किमी 488 लोग रहते हैं वहीं कजाकिस्तान में प्रति वर्ग किमी में केवल 8 लोग रहते हैं. यही वजह है कि हर व्यक्ति के हिस्से में जमीनों के बड़े-बड़े टुकड़े आते हैं. आमतौर पर यहां के ज्यादातर लोग अमीर हैं और शानदार जिंदगी जीते हैं.
केवल समुंदर की कमी
इस देश को प्रकृति ने हर चीज से दी है - नदी, पहाड़, मैदान, खेत, तेल और गैस के भंडार. केवल कमी है तो बस एक चीज की कि यहां समंदर का किनारा नहीं है. साथ ही यहां कि 75 फीसदी जमीन खेती योग्य है. इस लिहाज से देखें तो हर आदमी जमींदार है. हालांकि यहां की सरकार खेती के लिए किसानों और कंपनियों को लीज पर जमीनें देती है. ताकि कोई अपनी जमीन विदेशियों को ना बेच पाए.