Clapping Benefits: भजन कीर्तन में झूमकर बजाते हैं ताली पर क्या इसके फायदे के बारे में जानते हैं आप?
भजन कीर्तन में लोग खूब ताली बजाते देखे जा सकते हैं. मंच से भी ताली बजाने की खूब अपील की जाती है. भोले का दरबार हो, माता की चौकी हो गया बजरंग बली का पाठ हो, भक्त तालियां बजाते बजाते भजन सुनते हैं. अधिकांश भक्तों को तो पता ही नहीं होगा कि हम ताली क्यों बजा रहे हैं.
खून का प्रवाह तेज
डॉ. कपिल त्यागी के अनुसार, ताली बजाने से बाई हथेली के फेफड़े, लीवर, पित्ताशय, किडनी, छोटी आंत और बड़ी आंत के अलावा दाएं हाथ की अंगुली के साइनस के दबाव बिंदु प्रभावित होते हैं. इन अंगों से खून का प्रवाह तीव्र हो जाता है.
क्या कहते हैं डॉक्टर
डॉ. कपिल त्यागी कहते हैं, ताली इस तरह से बजाया जाता है कि दबाव पूरा हो और अच्छी आवाज निकले. ताली तब तक बजाया जाना चाहिए, जब तक कि हथेली लाल न हो जाए. ऐसा करने से कब्ज, एसिडिटी, मूत्र, खून की कमी और सांस में तकलीफ जैसी बीमारियों में लाभ मिल सकता है.
क्या कहती है एक्यूप्रेशर की थ्योरी
एक्यूप्रेशर की थ्योरी कहती है, इन दबाव बिंदुओं को दबाने से संबंधित अंग तक खून और आक्सीजन का प्रवाह होता है और उस अंग में अगर कोई विकार होने पर जल्दी दुरुस्त हो जाता है.
शरीर के अंगों के दबाव बिंदु
ताली बजाने का वैज्ञानिक दृष्टिकोण कहता है कि मानव हाथों में पूरे शरीर के अंगों के दबाव बिंदु होते हैं.
बदल जाती हैं हाथ की रेखाएं
यह भी कहा जाता है कि दोनों हाथ उपर की ओर करके ताली बजाने से हमारे हाथ की रेखाएं तक बदल जाती हैं.
ईश्वर की शरण में
आध्यात्मिक मान्यता के हिसाब से देखें तो दोनों हाथ उपर करके ताली बजाने से माना जाता है कि हम ईश्वर की शरण में हैं.
आसन करने की जरूरत नहीं
ऐसा माना जाता है कि अगर आप रोजाना 2 मिनट तक ताली बजाते हैं तो आपको किसी आसनों को करने की जरूरत नहीं पड़ेगी.
दुनिया का सबसे सरल योग
ताली दुनिया का सबसे सरल योग है. कहा जाता है कि रोजाना ताली बजाई जाए तो कई शारीरिक समस्याएं सुलझ सकती हैं.