Knowledge: भारत का ऐसा कौन सा जिला है, जिसके नाम में नहीं आती कोई मात्रा?

General Knowledge: भारत में इतने सारे राज्य है और हर प्रदेश कई जिलों से मिलकर बना है, जिनकी अपना एक अलग पहचान है, लेकिन क्या आप किसी ऐसे जिले का नाम बता सकते हैं, जिसमें मात्रा नहीं लगती है. यहां जानिए इस मजेदार सवाल का जवाब क्या है...

आरती आज़ाद Mon, 12 Aug 2024-5:17 pm,
1/8

Kis Jile Ke Name Me Matra Nahi Aati

भारत में 28 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों वाला एक बड़ा देश है. पूरे देश में 700 से ज्यादा जिले हैं. हर जिले की अपनी एक खासियत है, जो अपने आप में संस्कृति, विरासत और अनूठी परंपराओं को संजोए हुए है. हम आपको आज एक ऐसे ही जिले की खासियतें बताने जा रहे हैं, लेकिन एक सवाल के साथ इसकी शुरुआत करेंगे. 

 

2/8

आज हम आपके लिए ऐसा ही एक दिलचस्प सवाल लेकर आए हैं, जिसका जवाब देने के साथ ही हम आप को उस जगह के बारे में बहुत कुछ बताएंगे.  अगर आप जनरल नॉलेज बढ़ाने के लिए नई-नई चीजों के बारे में दिलचस्पी रखते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए बेहद काम का हो सकता है.  क्या आप जानते हैं कि भारत का ऐसा कौन सा जिला है, जिसके नाम में कोई मात्रा नहीं आती है...

 

3/8

राजस्थान में है ये जिला

भारत में सबसे ज्यादा जिलों वाला राज्य उत्तर प्रदेश है, लेकिन हम जिस जिले की बात कर रहे हैं वह इस प्रदेश का हिस्सा नहीं है. भारत के किस जिले के नाम में कोई मात्रा नहीं लगती है, उस जिले का नाम है अलवर, जो कि राजस्थान में स्थित है. 

4/8

अलवर की खासियतें

राजस्थान के अलवर जिले की अपनी खासियतें हैं, जो राजधानी जयपुर से करीब 170 किलोमीटर है. यह जिला अरावली पहाड़ियों के बीच बसा है, जहां स्थित नीमराना किला, तिजारा पैलेस विश्व प्रसिद्ध है. 

5/8

कई नामों से है प्रसिद्ध

अलवर जिले में कुल 9 उपखंड और 12 तहसील आती हैं. वैसे तो अब इसे अलवर  नाम से जानते हैं, लेकिन प्राचीन समय में इसे मत्यस्यनगर के नाम से जाना जाता था. इसके अलावा भी अलवर को कई नाम मिले, जिसमें अरवलपुर, उल्वर शालवापुर और हलवार शामिल हैं. 

6/8

राजस्थान के खास जिलों में से एक

अलवर अपने कलाकंद के स्वाद के साथ ही ऐतिहासिक महत्व के नजरिए से भी बहुत खास है. एक दौर था जब अलवर प्रागैतिहासिक कालीन राज्य हुआ करता था. यहां के राजा विराट के पिता वेणू ने मत्स्यपुरी नगर बसाया, जिसे अब माचाड़ी के नाम से जाना जाता है. इसके बाद राजा विराट ने बैराठ नगर बसाया. एक समय में यह क्षेत्र मत्स्य महाजनपद में आता था, जिसकी राजधानी विराटनगर थी जो बाद में मौर्य साम्राज्य के अधीन भी रहा थी.

7/8

बडगुर्जर राजाओं ने किया राज

बताया जाता है कि यहां पर मत्स्य देव, पीपल देव, जगननाथ, गोगा देव, असलदेव, ईश्वरसेन, संजय जैसे बडगुर्जर राजाओं ने राज्य किया था, जिसकी राजधानी माचाडी थी. 16वीं शताब्दी में माचाडी के हेमू ने मुगलों को हराकर दिल्ली पर अधिकार किया और दिल्ली के सम्राट बने. पानीपत के दूसरे युद्व में घायल हेमू को मुगलों ने बंदी बना लिया और बाद में मृत्युदंड दे दिया. 

8/8

अकबर ने मेवात को दो जिलों अलवर और तिजारा में विभाजित कर दिया, जो आगरा प्रांत के अधीन आते थे. जब दिल्ली के मुगल शासक कमजोर हो गए तो 1761 में भरतपुर के राजा सूरजमल जाट ने अलवर दुर्ग पर कब्जा कर लिया. 25 नवंबर 1775 में रावराजा प्रतापसिंह द्वारा अलवर राज्य की स्थापना की, जो पूर्व भौगोलिक दृष्टि से पांच देशों राठ, वाल , राजावत, मेवात और नरूखंड में बंटा हुआ था.

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link