Monkeypox Terror: कोरोना की तरह मंकीपॉक्स से भी डरने की जरूरत... कई देशों में फैला खतरा, वैक्सीन पर काम शुरू
Monkeypox Alert: कोरोना महामारी की तरह हमें मंकीपॉक्स के खतरे से भी डरने की जरूरत है. आइये आपको मंकीपॉक्स के उस खतरे के बारे में बताते हैं जो अब तेजी से दुनिया के कई देशों में फैल रहा है. इस खतरे को लेकर भारत भी सतर्क हो गया है.
दुनियाभर के कई देशों में मंकीपॉक्स वायरस तेजी से पांव पसार रहा है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी घोषित कर रखा है. WHO ने इसे ग्रेड 3 कैटेगरी में रखा है. यानी इसे रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने होंगे क्योंकि खतरा बड़ा है. चिंता की बात इसलिए भी है क्योंकि ये वायरस अब उसी तरह से फैल रहा है जैसे कोरोना फैला था.
भारत में ये वायरस अभी एंट्री नहीं कर पाया है. लेकिन फिर भी अलर्ट रहने की बहुत जरूरत है. ये वायरस अब उस PoK में पहुंच गया है जहां पाकिस्तान ने कब्जा कर रखा है.
मंकीपॉक्स का वायरस कांगो, रवांडा, युगांडा, बुरुंडी के साथ केन्या में इस साल बहुत तेजी से फैला है. इस बार ये वायरस अफ्रीका से बाहर निकलकर पहले स्वीडन, फिर पाकिस्तान और अब फिलिपींस में भी फैल गया है. स्वीडन में मंकीपॉक्स का 1 केस, पाकिस्तान में 4 और फिलिपिंस में अबतक इसका 1 केस मिला है.
अभी तक ये वायरस अफ्रीकी देशों में तेजी से फैलता था. लेकिन इस बार ये वायरस अफ्रीकी देशों से बाहर निकलकर दूसरे देशों में भी फैल रहा है. पड़ोसी देश पाकिस्तान में भी इस वायरस के 4 केस आ चुके है. PoK के रहने वाले 47 साल के शख्स में mpox वायरस पाया गया है. ये शख्स हाल ही में सऊदी अरब के जेद्दा से पाकिस्तान लौटा था.
पीओके तक इस वायरस का आना भारत के लिए भी खतरे की घंटी है. इसलिए भारत सरकार भी पूरी तरह से अलर्ट मोड पर है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रकाश नड्डा ने हाल ही में मंकीपॉक्स की तैयारियों की समीक्षा के लिए एक बैठक की.
बैठक में ये निर्णय लिया गया कि मंकीपॉक्स को लेकर सभी राज्य सावधानी बरतें. देश के सभी एयरपोर्ट, सीपोर्टस और ग्राउंड क्रॉसिंग पर हेल्थ फैसिलिटीज को बढ़ाया जाए. टेस्टिंग लैब्स अलर्ट मोड पर रहें. किसी भी मामले का पता लगाने, आइसोलेशन और मैनेजमेंट के लिए स्वास्थ्य सुविधाओं को तैयार रखा जाए.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने मंगलवार को कहा कि वह वर्तमान में एमपॉक्स के लिए टीका विकसित करने पर काम कर रहा है. जिसके सकारात्मक परिणाम एक वर्ष में मिलने की उम्मीद है.