Photos: के. अन्नामलाई, माधवी लता, कंगना रनौत, अरुण गोविल, राजनीति के नए सूरमा क्या लोकसभा में कर पाएंगे डेब्यू?
Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव में इस बार उत्तर से दक्षिण तक कई नए राजनीतिक सूरमा लोकसभा में एंट्री के लिए जोर-आजमाइश कर रहे हैं. इनमें के. अन्नामलाई, माधवी लता, कंगना रनौत, अरुण गोविल और पवन सिंह जैसे नाम शामिल हैं. क्या ये लोकसभा में डेब्यू कर पाएंगे.
हरदिल अजीज के. अन्नामलाई
पूर्व आईपीएस अफसर रहे के. अन्नामलाई की उम्र महज 39 साल है. दस साल की शानदार सर्विस में नाम कमाने के बाद उन्होंने नौकरी छोड़ दी और 37 साल की उम्र में बीजेपी का दामन थामन तमिलनाडु के पार्टी अध्यक्ष बन गए. वे तमिलनाडु के करूर जिले के मूल निवासी हैं और पिछड़े वर्ग में गिनी जाने वाली कोंगु-वेल्लार जाति से आते हैं. बीजेपी ने उन्हें कोयंबटूर सीट से मैदान में उतारा है. यह सीट द्रविड़ राजनीति का गढ़ रही है. उनका मुकाबला डीएमके उम्मीदवार गणपति राजकुमार से माना जा रहा है. गणपति राजकुमार कोयंबटूर के पूर्व मेयर रह चुके हैं.
हैदराबाद की फाइटर माधवी लता
हैदराबाद सीट पर बीजेपी टिकट पर चुनाव लड़ रही माधवी लता भी लाइमलाइट में है. यह सीट ओवैसी परिवार की खानदानी सीट मानी जाती है. अब तक 17 बार हुए लोकसभा चुनावों में से 10 बार ओवैसी फैमिली ही यहां से जीती है. इनमें 6 बार असुदुद्दीन ओवैसी के पिता सलाहुद्दीन ओवैसी जीते, जबकि पिछले 4 बार से असदुद्दीन जीत रहे हैं. बड़े ओवैसी यानी असदुद्दीन से सीधी फाइट कर रहीं माधवी लता प्रखर हिंदू नेता होने के साथ ही सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता भी हैं. उनके आक्रामक प्रचार अभियान ने ओवैसी फैमिली की नींद उड़ा रखी है.
सपनों की रानी कंगना रनौत
फिल्म एक्ट्रेस कंगना रनौत भी लोकसभा में डेब्यू के लिए भागदौड़ कर रही हैं. वे हिमाचल प्रदेश की मंडी सीट से बीजेपी उम्मीदवार हैं. उनका सीधा मुकाबला कांग्रेस के युवा नेता और राज्य सरकार में मंत्री विक्रमादित्य सिंह है. विक्रमादित्य सिंह राज्य के पूर्व सीएम वीरभद्र सिंह के बेटे हैं. मौजूदा समय में उनकी मां प्रतिभा सिंह पार्टी की प्रदेश अध्यक्ष हैं. मंडी सीट पर कंगना रनौत की राह आसान नहीं है. इस सीट पर विक्रमादित्य सिंह की मां और पिता, अब तक 6 बार जीत हासिल कर चुके हैं. ऐसे में देखना होगा कि कंगना की चुनावी एंट्री हिट रहेगी या फ्लॉप.
रामायण के राम अरुण गोविल
बीजेपी ने पश्चिमी यूपी की चर्चित सीट मेरठ से रामायण के राम यानी अरुण गोविल को उम्मीदवार बनाया है. उन्हें कैंडिडेट बनाने के लिए पार्टी ने क्षेत्र से तीन बार के सांसद और गोविल के सजातीय नेता राजेंद्र अग्रवाल का टिकट काट दिया. मुस्लिम बहुल इस सीट पर बीजेपी ने पिछली बार महज 4 हजार के अंतर से जीत हासिल की थी. जिसके बाद पार्टी को इस बार उम्मीदवार बदलने को मजबूर होना पड़ा. अरुण गोविल का मुकाबला सपा की सुनीता वर्मा और बसपा के देवव्रत त्यागी से है. अपने स्वभाव के मुताबिक अरुण गोविल सौम्यता के साथ वोट मांग रहे हैं.
भोजपुरी सिंगर पवन सिंह
भोजपुरी सिंगर पवन सिंह बिहार की जानी-मानी हस्ती हैं. वे अब तक कई भोजपुरी फिल्मों और वीडियो एल्बमों में काम कर चुके हैं. बीजेपी ने उन्होंने पश्चिमी बंगाल की आसनसोल सीट से टिकट दिया था लेकिन बाद में पवन सिंह ने खुद वहां से चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया. इसके पीछे उनके कुछ उत्तेजक गानों के विरोध को माना गया. कई दिनों तक चुप्पी के बाद अब उन्होंने बिहार की काराकट सीट से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. इस सीट पर एनडीए गठबंधन की ओर से उपेंद्र कुशवाहा और इंडी गठबंधन से राजाराम सिंह मैदान में हैं. ऐसे में अपनी लोकप्रियता के सहारे पवन सिंह निर्दलीय लड़कर चुनाव जीतने की कोशिश में हैं.