Mountain Vs Hill: पहाड़ और पहाड़ी में क्या अंतर है? बड़े-बड़े तुर्रम खां भी रहते हैं कंफ्यूज
Mountain and Hill Difference: हर साल 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय पहाड़ दिवस या International Mountain Day मनाया जाता है. पहाड़, पहाड़ी, पर्वत, चोटी, पठार... भूगोल की किताब में हमने इनके बारे में खूब पढ़ा है. लेकिन शायद इनके बीच का बारीफ फर्क नहीं समझ पाए. टेंशन मत लीजिए! आप अकेले नहीं हैं. जब बात पहाड़ और पहाड़ी में अंतर की आती है तो अमेरिका का जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) भी हाथ खड़े कर देता है. USGS के अनुसार, पहाड़ और पहाड़ियों के बीच कोई आधिकारिक अंतर नहीं है. इसके बावजूद, जियोलॉजिस्ट्स कुछ पैमानों के आधार पर यह तय करते हैं कि फलां पहाड़ है या पहाड़ी. आइए, आपको दोनों के बीच का अंतर समझाते हैं.
पहाड़ी क्या होती है?
पहाड़ियां ज़मीन का वह टुकड़ा होती हैं जो अपने आस-पास की हर चीज से ऊंची होती हैं. ये धरती पर एक छोटे से उभार की तरह दिखती हैं. चूंकि वे अपने आस-पास की हर चीज से ऊंची होती है, इसलिए पहाड़ियों से शानदार नजारा दिखता है. कभी-कभी, आपको लोगों द्वारा बनाई गई पहाड़ी मिलेगी जिसे 'टीला' कहा जाता है.
पहाड़ किन्हें कहते हैं?
अमेरिकन जियोलॉजिकल इंस्टीट्यूट के अनुसार, पहाड़ पृथ्वी की पपड़ी का एक ऊंचा हिस्सा है, जिसमें आम तौर पर खड़ी भुजाएं होती हैं. एक पहाड़, आमतौर पर एक पहाड़ी से ऊंचा होता है, और आसपास की जमीन से कम से कम 300 मीटर (980 फीट) ऊपर उठता है. कुछ पहाड़ अलग-अलग शिखर होते हैं, लेकिन ज़्यादातर पर्वत श्रृंखलाओं में पाए जाते हैं.
पहाड़ और पहाड़ी में समानताएं
दोनों जमीन से उठे हुए होते हैं. एक पहाड़ की तरह, पहाड़ी का भी आमतौर पर एक स्पष्ट शिखर होता है, जो उसका सबसे ऊंचा बिंदु होता है. इसे 'चोटी' कहा जाता है. पहाड़ या पहाड़ी, यह तय करने में स्थानीय परंपरा एक प्रमुख भूमिका निभाती है. आम तौर पर, एक पहाड़ की न्यूनतम ऊंचाई 610 मीटर (2000 फीट) होनी चाहिए, लेकिन अगर स्थानीय लोगों ने हमेशा किसी पहाड़ी को पहाड़ माना है, तो वही माना जाता है.
पहाड़ और पहाड़ी में अंतर
पहाड़ और पहाड़ी में अंतर का सबसे बड़ा पैमाना है: आकार. अगर यह पर्याप्त ऊंचा है तो पहाड़ है, और छोटा है तो एक पहाड़ी है.
एक और आम धारणा यह है कि एक पहाड़ी धरती का एक चिकना गोल टीला है, जो एक उभार है. दूसरी ओर, एक पहाड़ का झुकाव तीव्र होना चाहिए.
अमेरिका और ब्रिटेन पहले पहाड़ियों को 1,000 फीट से कम ऊंचाई वाले शिखर के रूप में परिभाषित करते थे. हालांकि, बीसवीं सदी के मध्य में दोनों देशों ने इस अंतर को त्याग दिया.
पहाड़ों की तुलना में पहाड़ियों पर चढ़ना आसान है. वे कम खड़ी होती हैं और उतनी ऊंची भी नहीं होतीं.
पहाड़ और पहाड़ी कैसे बनते हैं?
पहाड़ियां हर समय भूगर्भीय गतिविधियों के कारण बनती हैं. इनमें से एक है फॉल्टिंग, जो इसलिए होती है क्योंकि पृथ्वी की सतह के नीचे की चट्टानें लगातार हिलती रहती हैं. फॉल्टिंग से बनी पहाड़ियां आखिरकार पहाड़ बन सकती हैं. उदाहरण के लिए हिमालय को ही लीजिए. दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत श्रृंखला, कभी छोटी पहाड़ियां हुआ करती थी. पृथ्वी की सतह के नीचे फॉल्टिंग के कारण हिमालय का विकास जारी है.
पहाड़ियां कटाव के कारण भी बनती हैं, जो तब होता है जब चट्टान, मिट्टी और तलछट के टुकड़े बहकर कहीं और ढेर में जमा हो जाते हैं. पहाड़ियां कटाव से नष्ट हो सकती हैं, क्योंकि हवा और पानी से सामग्री घिस जाती है. अगर कोई पहाड़ कटाव से घिस जाता है, तो वह पहाड़ी बन सकता है.