ये पकवान साथ लाए थे मुगल, आज बिरयानी से लेकर तंदूरी खाना तक भारतीयों की पसंदीदा चीजों में से हैं एक
भारत आकर बाबर ने मुगलों सम्राज्य की नींव डाली, जिसके बाद उसकी कई पीढ़ियों ने यहां राज किया. मुगलों के शासनकाल के दौरान यहां कई खूबसूरत इमारतों का निर्माण हुआ जो, आज देश की ऐतिहासिक इमारतों के रूप में विश्व में मशहूर हैं.
मुगल शासनकाल
मुगलों के शासनकाल के दौरान यहां कई खूबसूरत इमारतों का निर्माण हुआ जो, आज देश की ऐतिहासिक इमारतों के रूप में विश्व में मशहूर हैं.
ऐतिहासिक धरोहरें
मुगलों ने ना सिर्फ देश को कई ऐतिहासिक धरोहरें दी, बल्कि यहां कि संस्कृति और खानपान को भी समृद्ध किया.
मुगल डिशेज
यहां जानेंगे मुगलों द्वारा भारत में लाई गई उन डिशेज के बारे में जो आज भी हमारे देश के लोगों की बेहद पसंदीदा चीजें हैं...
तंदूर
आज भी उनकी शाही रसोई की चीजें भारत में बड़े चाव से बनाई और खाई जाती हैं. मुगल मेहमाननवाजी के कई किस्से इतिहास में मौजूद हैं. मुगल भारत में अपने पसंदीदा व्यंजन लेकर आए थे जो आज भी बेहद मशहूर हैं. इन्हीं में से एक है तंदूर, जिसे भारत में आज खूब पसंद किया जाता है. कम लोग ही जानते हैं कि मुगल इसे लेकर आए थे और तंदूर का इस्तेमाल मुगलकाल में खाने पकाने में खूब किया जाता था.
मेरिनेट करना
मुगलकाल में बनने वाली मीट या चिकन बड़े अनोखे तरीके से पकाया जाता था. इंग्लिश में इस प्रक्रिया को मेरिनेट करना कहते हैं. इसका चलन मुगलों ने शुरू किया था. आज ज्यादातर नॉनवेज ही नहीं, बल्कि कई वेज डिशेस भी मेरिनेट करके तैयार की जाती है.
खुशबूदार शर्बत
खुशबूदार शर्बत को लोग बड़े चाव से पीते हैं, तो बता दें कि मुगलों ने ही इसकी शुरुआत की थी. शर्बत में गुलाब से लेकर खस तक का इस्तेमाल होता है. आज भी फ्रेश फील करने का सबसे अच्छा तरीका है ये खुशबूदार शर्बत.
बिरयानी
भारत में चावल का सेवन हमेशा से किया जाता रहा है, लेकिन इसमें मसालों के साथ दम लगाकर बिरयानी बनाने की जो कला मुगल ही साथ लाए थे. आज के समय में भारत के हर कोने में बिरयानी खूब चाव से खाई जाती है.
खीर
भारत में प्राचीन काल से ही मीठे में खीर बनाने का चलन रहा है, लेकिन दूध को गाढ़ा कर फिरनी बनाना मुगल ही सीखा गए है. इसे मुगलकाल की सबसे पसंदीदा डिश बताया जाता है, जिसे तब खूब चाव से खाया जाता था.
शाही टुकड़ा
आज शाही टुकड़ा एक फेमस स्वीट डिश है, जो ज्यादातर लोगों की पसंदीदा चीज है. शाही टुकड़ा मुगलों द्वारा ही भारत लाई गई है. हालांकि, तब इसे ब्रेड की जगह मैदे की नान से तैयार किया जाता था.