Mukesh Ambani का धाकड़ Plan, समुद्र के नीचे बनाएंगे केबल रूट; इंटरनेट स्पीड हो जाएगी 4 गुना तेज
मुकेश अंबानी और सुनील मित्तल एक ऐसा काम कर रहे हैं जो दुनिया के इंटरनेट को बदल सकता है. वे एक बहुत बड़ा प्रोजेक्ट शुरू कर रहे हैं जिससे भारत दुनिया में डिजिटल कनेक्टिविटी में सबसे आगे होगा. यह प्रोजेक्ट अभी तक गुप्त था, लेकिन इसमें एक बहुत बड़ा समुद्र के नीचे केबल नेटवर्क बनाया जाएगा. इससे इंटरनेट की स्पीड बहुत तेज हो जाएगी और दुनिया के अलग-अलग देशों के बीच कनेक्शन बेहतर होगा.
शुरू कर रहे हैं प्रोजेक्ट
समुद्र के नीचे केबल ऐसे हैं जैसे समुद्र के नीचे के तेज रास्ते हों जिनसे देशों के बीच बहुत तेजी से डेटा ट्रांसफर किया जा सकता है. अंबानी की रिलायंस जियो और मित्तल की भारती एयरटेल इस बहुत बड़े प्रोजेक्ट को शुरू कर रहे हैं. इसमें न सिर्फ मौजूदा इंटरनेट नेटवर्क को बेहतर बनाया जाएगा, बल्कि कनेक्टिविटी के मामले में नए रिकॉर्ड भी बनाए जाएंगे. भारत लंबे समय से इंटरनेट की स्पीड बढ़ाने का इंतजार कर रहा था और अब ऐसा होने वाला है.
इंटरनेट स्पीड हो जाएगी 4 गुना तेज
कई रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस बदलाव के पीछे तीन मुख्य कंपनियां हैं: अफ्रीका पर्ल्स, इंडिया-एशिया-एक्सप्रेस (IAX) और इंडिया-यूरोप-एक्सप्रेस (IEX). ये नेटवर्क अक्टूबर से अगले मार्च के बीच शुरू होंगे और इनसे इंटरनेट की स्पीड मौजूदा स्पीड से चार गुना तक तेज हो जाएगी. इन नेटवर्क्स के शुरू होने से भारत के डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर में क्रांति आ जाएगी.
2Africa दुनिया का सबसे लंबा केबल सिस्टम
2Africa सबसी केबल सिस्टम दुनिया का सबसे लंबा केबल सिस्टम है, जो 45,000 किलोमीटर तक फैला है और प्रति सेकंड 180 टेराबिट्स तक की स्पीड सपोर्ट करता है. इसमें भारती एयरटेल और मेटा ने भी निवेश किया है. इससे 33 देश कनेक्ट हो जाएंगे और एयरटेल का मुंबई लैंडिंग स्टेशन इस ग्लोबल नेटवर्क का एक मुख्य केंद्र बन जाएगा.
जियो ने IAX और IEX में भी निवेश किया
वहीं, जियो ने IAX और IEX में भी निवेश किया है, जिससे और भी ज्यादा तेजी से इंटरनेट चल सकेगा. IEX नेटवर्क की क्षमता 200 टेराबिट्स प्रति सेकंड है और यह मुंबई से होते हुए फारस की खाड़ी के रास्ते यूरोप तक जाएगा, जिसकी लंबाई 9,775 किलोमीटर है. IAX नेटवर्क भी बहुत बड़ा है, जो मुंबई से दक्षिण-पूर्व एशिया के मुख्य देशों तक 16,000 किलोमीटर तक फैला होगा.
भारत मारेगा लंबी छलांग
ये बदलाव सिर्फ स्पीड बढ़ाने के बारे में नहीं हैं. ये दुनिया के कनेक्टिविटी के मामले में एक बहुत बड़ी छलांग हैं. इससे भारत दुनिया के टेलीकॉम क्षेत्र में एक मुख्य केंद्र बन जाएगा. जब ये प्रोजेक्ट आगे बढ़ेंगे, तो उनका असर बहुत व्यापक होगा. इससे न सिर्फ इंटरनेट की स्पीड बढ़ेगी, बल्कि भारत की दुनिया में तकनीकी स्थिति भी मज़बूत होगी.