सबकी बाप है ये इकलौती डरावनी फिल्म, अंधेरी काल कोठरी और दरवाजा खुलते ही निकलेगी चीख, बस जप लेना प्रभु का नाम

Must Watch Horror Film: अगर आप किसी धमाकेदार और रूह कपाने वाली हारर फिल्म की तलाश कर रहे हैं तो ये फिल्म आपके लिए परफेक्ट हो सकती है. इस फिल्म में वो सारा मसाला है जो आपको सीट से एक पल के लिए भी उठने नहीं देगा. फिल्म की कहानी और एक-एक सीन फिल्म ऐसे गढ़ा गया है कि फिल्म ने रिलीज होते ही बॉक्स ऑफिस को हिलाकर रख दिया था. बस देखने से पहले आप हनुमान जी का नाम लीजिए और फिल्म देखना शुरू कर दीजिए.

शिप्रा सक्सेना Sun, 03 Nov 2024-7:08 pm,
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कलेक्शन छप्परफड़

इसके बाद फिल्म में जो भी होता है वो आपको हिलाकर रख देगा. फिल्म का बैकग्राउंड म्यूजिक और फिल्मांकन इतना दमदार है कि ये फिल्म सभी हॉरर  फिल्मों की बाप निकली. महज 5 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने रिकॉर्ड तोड़ दिए थे. इस फिल्म को 6 साल बाद थिएटर में 2024 में दोबारा रि-रिलीज किया गया. जिसके बाद इसने 27.1 करोड़ का कलेक्शन और किया. इस तरह से ये फिल्म दोबारा रि-रिलीज होने वाली फिल्मों में हाइएस्ट ग्रॉसिंग फिल्म बन गई.

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कौन सी है मूवी?

वैसे तो ज्यादातर लोगों को डरावनी फिल्में देखने का मजा रात में ही आता है.अगर आप भी इस फिल्म को रात में देखने का मन बना रहे हैं तो अपने बस कलेजे को आने वाले भयंकर सीन्स और उस दिल दहला देने वाले आवाज के लिए तैयार कर लीजिए. अब आप सोच रहे होंगे कि ये फिल्म कौन सी है तो ये 'तुम्बाड' है.

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सबकी बाप निकली ये फिल्म

'तुम्बाड' फिल्म साल 2018 में रिलीज हुई थी. इस फिल्म में सोहम शाह विनायक के लीड रोल में थे. इसके अलावा ज्योति, धुंधीराज प्रभाकर, मोहम्मदल समद, रोनजिनी चक्रबर्ती थीं. फिल्म का डायरेक्शन राहिल अनिसल बर्वे और आनंद गांधी ने किया था. इस फिल्म की पूरी कहानी 'तुम्बाड' नाम के गांव के इर्द गिर्द घूमती है. 

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नहीं भूल पाएंगे वो आवाज

कहानी को तीन पार्ट में फिल्म में बांटा गया है. पहला पड़ाव लीड एक्टर के बचपन, दूसरा जवानी और तीसरा बुढ़ापे का. ये कहानी 1918 से शुरू होती है. जहां तुम्बाड गांव में विनायक राव अपनी मां और भाई के साथ रहता है. वहां पर कोठरी में उसकी दादी भी रहती है जहां पर आना-जाना सभी का मना है. ये कोठरी और श्राप वाली इस लेडी की आवाज इतनी खतरनाक है कि इसे एक बार जिसने सुन लिया वो कभी भी भूल नहीं पाएंगे.

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वो खजाना

घर के बाड़े में खजाने के छिपे होने की बात सामने आती है जिसकी तलाश मां और उसे भी होती हैं. लेकिन फिर अचानक कुछ ऐसा हो जाता है कि उसकी मां उसे पुणे लेकर चली जाती है. लेकिन 15 साल बाद विनायक फिर से तुम्बाड लौटता है और खजाने की तलाश करने लगता है. 

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हस्तर का सोना

विनायक की शादी तो हो चुकी होती है और उसके बीवी-बच्चे भी होते हैं. लेकिन खजाने का लालच इतना ज्यादा बढ़ जाता है कि वो दोबारा तुम्बाड आ जाता है. इसके बाद फिल्म में हस्तर की एंट्री होती है. 

 

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भयंकर डर

फिल्म में दिखाया गया है कि हस्तर देवी का सबसे प्रिय पुत्र होता है जिसने सभी देवी देवताओं को जन्म दिया. हस्तर को मूवी में पौराणिक देवी देवताओं की तरह दिखाया गया है जो अन्न और अनाज का देवता होता है. फिल्म में दिखाया गया है कि हस्तर एक लालची और स्वार्थ देवता था. उसने देवी के खजाने से सारा सोना ले लिया. जिसे अब विनायक लेना चाहता था. 

 

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