क्या ज्यादा वॉक करने से खराब हो जाते हैं घुटने? Exercise को लेकर फैली इन Myths से उठा पर्दा
Myth Related To Exercise: भारत में काफी लोगों की डाइट ऐसी है जिसकी वजह से मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर और दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में ज्यादातर हेल्थ एक्सपर्ट बैलेंस्ड डाइट और रेग्यूलर एक्सरसाइज की सलाह देते हैं. लेकिन कई बार व्यायाम से जुड़े मिथ को सच मानकर बार-बार गलतियां करते हैं. आइए जानते हैं कि हमें वर्कआउट से जुड़ी किन अफवाहों से दूर रहना चाहिए.
सिर्फ टहलने से हो जाएंगे फिट
अगर आप बढ़ती उम्र में सिर्फ वॉकिंग के भरोसे हेल्दी रहने की कोशिश कर रहे हैं तो ये आदत आज ही बदल डालें, 30 की एज पार करने पर मसल्स में प्रॉब्लम्स आ सकती है, इसलिए कुछ देर की स्ट्रेंथ ट्रेनिंग भी जरूरी है.
बहुत ज्यादा दौड़ने से घुटनों पर पड़ता है असर
बॉडी की मोबिलिटी बेहतर करने के लिए दौड़ना जरूरी है, इससे नी ज्वाइंट्स रिजेनरेट हो सकते हैं, लेकिन इस बात का ख्याल रखें कि इतनी स्पीड या लापरवाही से न दौड़ें कि घुटनों में चोट लग जाए.
एक्सरसाइज से पहले स्ट्रेचिंग जरूरी
अगर आप रोजाना वर्कआउट करते हैं, तो ये जरूरी नहीं कि डेली स्ट्रेचिंग करें. आप इसके बिना भी कार्डियो कर सकते हैं जिनमें वॉकिंग, रनिंग, साइकलिंग वगैरह शामिल हैं.
मसल्स बनाने के लिए हेवी वेट उठाना जरूरी
इस बात में कोई शक नहीं कि हेवी वेट उठाने से मसल्स बिल्डिंग में मदद मिलती है, लेकिन अगर आप लाइट वेट को भी ज्यादा रिपीट करते हुए उठाएंगे तो भी मांसपेशियों का निर्माण हो जाएगा.
आइस बाथ से रिकवर होगा सूजन
मौजूदा दौर में आइस बाथ का चलन बढ़ा है, क्योंकि कई इंडियन सेलिब्रिटीज इसे जमकर प्रमोट कर रहे हैं, लेकिन बार-बार आइस बाथ लेने से मसल रिपेयर का प्रॉसेस रुक सकता है. आप एक्सरसाइज के बाद स्टीम बाथ भी ले सकते हैं. Disclaimer: प्रिय पाठक, संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है. जी मीडिया इस लेख में प्रदत्त जानकारी और सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है. हमारा आपसे विनम्र निवेदन है कि उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित समस्या के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें. हमारा उद्देश्य आपको जानकारी मुहैया कराना मात्र है.