नहीं देखी होगी वेटर्स की ऐसी अग्नि-परीक्षा, ट्रे में एक गिलास पानी और कॉफी लेकर लगवाई 2KM तक रेस
Paris’s Waiters Battle: क्या आपने कभी किसी कैफे या रेस्टोरेंट में सर्विस स्लो होने की शिकायत की है? हो सकता है आपका वेटर आप जितना सोचते हैं उससे कहीं ज्यादा तेजी से आपकी टेबल तक पहुंचने में सक्षम हो. बीते रविवार को, पेरिस के लगभग 200 वेटर्स ने ट्रेडिशनल एप्रन और सफेद शर्ट पहनकर `कोर्स डेस कैफेस` (कैफे रेस) नाम की रेस में भाग लिया.
कोर्स डेस कैफेस नाम से रेस
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि "कोर्स डेस कैफेस" (कैफे रेस) पहले बंद हो चुकी थी, जिसे फिर से शुरू की गई है. रेस में भाग लेने वाले वेटरों ने अपने हाथों में एक गोल ट्रे ली थी, जिस पर एक क्रोइसैन, कॉफी और एक गिलास पानी रखा हुआ था.
पेरिस के सड़क पर दौड़े वेटर्स
इस पारंपरिक फ्रांसीसी नाश्ते के साथ उन्होंने सिटी हॉल के आसपास ऐतिहासिक मारे जिले की सड़कों पर लगभग 2 किलोमीटर (1.24 मील) की दूरी तय करने के लिए तेज गति से दौड़ लगाई.
ये रेस आसान नियमों के साथ खेली गई
ट्रे को सिर्फ एक हाथ में ही रखना था, दौड़ना नहीं था, और नाश्ते का एक टुकड़ा भी नहीं गिरना चाहिए. इस दौड़ में फुल टाइम, ट्रेनी और पार्ट-टाइम वेटर सभी शामिल हो सकते थे. फिनिशिंग लाइन पर जजों ने ट्रे की जांच की कि कहीं कुछ गिरा तो नहीं है.
क्या मिला इनाम?
इस रेस में इनाम के तौर पर पूरे शहर में सबसे तेज वेटर होने का सम्मान, साथ ही एक मेडल और किसी शानदार होटल में रात रुकने की सुविधा मिली. सैमी लाम्रौस ने 13 मिनट 30 सेकंड के समय के साथ पुरुषों की रेस जीती और पॉलीन वैन विमर्श 14 मिनट 12 सेकंड के साथ सबसे तेज वेट्रेस रहीं.
कब शुरू हुई थी ऐसी रेस
ये रेस सबसे पहले 1914 में आयोजित की गई थी और इसे "ला कोर्स डे गर्सों डे कैफे" के नाम से जाना जाता था. उस वक्त "गार्सों" शब्द का इस्तेमाल सिर्फ पुरुष वेटरों के लिए किया जाता था. इस रेस में भाग लेने वाले वेटरों को 8 किलोमीटर दूर तक ट्रे पर एक बोतल और तीन गिलास लेकर रेस लगानी पड़ती थी.