किस राशि वालों को कौन सा ग्रह देता है राजा जैसा सुख, ऐसे पता करें आपकी कुंडली में राजयोग है या नहीं
Rajyog in Kundli: वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, कुंडली में ग्रह-नक्षत्रों की चाल से किसी भी व्यक्ति के वर्तमान और भविष्य का पता लगाया जा सकता है. कहते हैं कि जिस व्यक्ति की कुंडली में राजयोग बनता है उसे सभी सुख प्राप्त होते हैं. ऐसे में आइए जानते हैं कि किस राशि के जातक को कौन सा ग्रह राजा जैसा सुख देता है और कैसे पता करें कि कुंडली मे राजयोग है या नहीं.
मेष लग्न
अगर मेष लग्न की कुंडली में मंगल और बृहस्पति ग्रह की स्थिति मजबूत है. साथ ही ये दोनों ग्रह 10वें भाव में हैं तो कुंडली में राजयोग का निर्माण होगा.
वृष लग्न
वृष लग्न के जातक की कुंडली में अगर नौवें और दसवें भाव में शुक्र और शनि ग्रह की स्थिति मजबूत है, तो ऐसे में जातक की कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है.
मिथुन लग्न
मिथुन लग्न की कुंडली में जब बुध और शनि ग्रह 9वें और 10वें भाव में एक साथ होते हैं तो कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है.
कर्क लग्न
कर्क लग्न वाले जातकों की कुंडली में जब चंद्रमा और बृहस्पति भाग्य और कर्म भाव में मौजूद हो तो यह राजयोग का कारक होता है.
सिंह लग्न
सिंह लग्न की कुंडली में सूर्य और मंगल 9वें और 10वें भाव में अच्छी स्थिति में होते हैं तो कुंडली में राजयोग का निर्माण होता है.
कन्या लग्न
कन्या लग्न के जातकों की कुंडली में जब बुध और शुक्र भाग्य और कर्म भाव (9वां और 10वां भाव) में एक साथ विराजमान होते हैं तो राजयोग का निर्माण होता है.
तुला लग्न
तुला लग्न के लोगों की कुंडली में शुक्र और बुध नौवें और दसवें भाव में एक साथ आ जाते हैं तो ऐसे व्यक्ति को जीवन में राजयोग का सुख मिलता है.
वृश्चिक लग्न
वृश्चिक लग्न वालों की कुंडली में अगर सूर्य और मंगल ग्रह नौवें और दसवें स्थान पर एक साथ होते हैं राजयोग की स्थिति बनती है. साथ ही कुंडली में चंद्रमा और मंगल के मजबूत स्थिति में होने पर शुभ फल की प्राप्ति के योग बनते हैं.
धनु लग्न
धनु लग्न वालों के लिए बृहस्पति और सूर्य अगर नौवें या दसवें भाव में एक साथ होते हैं तो इस स्थिति में कुंडली में राजयोग बनता है.
मकर लग्न
मकर लग्न के जातकों की कुंडली में जब शनि और बुध एक साथ कर्म या भाग्य भाव में मौजूद होते हैं तो कुंडली में राजयोग कारक बनता है.
कुंभ लग्न
कुंभ लग्न जातकों की कुंडली में जब शुक्र और शनि ग्रह भाग्य और कर्म भाव में उपस्थित होते हैं तो ऐसे लोगों का जीवन राजा के समान बीतता है.
मीन लग्न
मीन लग्न के लोगों की कुंडली में जब गुरु और मंगल नौवें और दसवें भाव में एक साथ उपस्थित होते हैं तो यह स्थिति राजयोग बनाती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. ZEE NEWS इसकी पुष्टि नहीं करता है.)