नुसरवानजी, जमशेदजी से लेकर नोएल टाटा तक; जानिए कब किसने संभाली टाटा ग्रुप की कमान?

बुधवार 9 अक्टूबर को 86 साल की उम्र में रतन टाटा का निधन हो गया था. रतन टाटा के निधन के बाद उनके सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ट्रस्ट का अध्यक्ष चुना गया है. आज हम आपको बताएंगे कि टाटा ग्रुप की कमान कब किसने संभाली थी.

सुदीप कुमार Fri, 11 Oct 2024-11:25 pm,
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नुसरवानजी

टाटा परिवार की गिनती भारत के बड़े बिजनेस परिवारों में होती है. नुसरवानजी टाटा को टाटा परिवार का जनक माना जाता है. यानी टाटा परिवार की बिजनेस में एंट्री नुसरवानजी टाटा से ही हुई. नुसरवानजी टाटा एक पारसी पुजारी थे.

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टाटा ट्रस्ट की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, टाटा परिवार के मुखिया नुसरवानजी टाटा (1822-1886) का विवाह जीवनबाई कावसजी टाटा से हुआ था और उनके पांच बच्चे थे. जमशेदजी टाटा, रतनबाई टाटा, मानेकबाई टाटा, वीरबाईजी टाटा और जेरबाई टाटा. 

 

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जमशेदजी टाटा

जमशेदजी टाटा (1839-1904) ने टाटा ग्रुप की स्थापना की थी. इसकी शुरुआत 1870 के दशक में मध्य भारत में एक कपड़ा मिल से हुई थी. बाद में टाटा ग्रुप ने इस्पात और बिजली उद्योग में भी कदम रखा. जमशेदजी टाटा ने ही देश में तकनीकी शिक्षा की नींव रखी और देश को औद्योगिक देशों की श्रेणी में आगे बढ़ने में मदद की. जमशेदजी टाटा ने हीराबाई डब्बू से शादी की और उनके तीन बच्चे हुए. सर दोराबजी टाटा, धुनबाई टाटा और सर रतन टाटा. 

 

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जमशेदजी टाटा और हीराबाई डब्बू के सबसे बड़े बेटे सर दोराबजी टाटा (1859-1932) को 1910 में भारत की औद्योगिक उन्नति में उनके योगदान के लिए नाइटहुड की उपाधि दी गई. टाटा स्टील और टाटा पावर जैसे प्रमुख उपक्रमों की स्थापना में जमशेदजी टाटा ने महत्वपूर्ण योगदान निभाई. 

 

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जमशेदजी टाटा के दूसरे बेटे सर रतन टाटा (1871-1918) ने नवाजबाई सेट से शादी की थी. उन्होंने नवल एच टाटा को गोद लिया था. टाटा ग्रुप के बिजनेस को आगे बढ़ाने में रतन टाटा ने अहम योगदान दिया. 

 

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रतनजी टाटा के पुत्र जहांगीर रतन टाटा यानी जेआरडी टाटा (1904-1993) भारत के पहले कर्मशियल पायलट थे. उन्होंने 50 साल से अधिक समय तक टाटा ग्रुप के चेयरमैन पद संभाला. टाटा एयरलाइंस की स्थापना इन्होंने की थी. 

 

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रतनजी टाट के दत्तक पुत्र नवल टाटा ने टाटा समूह को बिजनेस की दुनिया में एक अलग पहचान दिलाई. नवल एच टाटा ने सूनी कमिसारियट से शादी की और उनके दो बेटे, रतन एन टाटा और जिमी एन टाटा हुए. लेकिन जब रतन टाटा सिर्फ 10 साल के थे तब नवल और सूनी का तलाक हो गया.

 

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रतन नवल टाटा (1934-2024) 1990 से 2012 तक टाटा ग्रुप के चेरयमैन रहे. इसके बाद साल 2016 से 2017 तक ग्रुप के अंतरिम चेरयमैन रहे. इसके बाद 2017 से टाटा चैरिटेबल ट्रस्ट के चेयरमैन थे.

 

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सूनी टाटा से तलाक के बाद नवल ने सिमोन डुनॉयर से शादी की. जिनसे बाद में एक बेटा नोएल टाटा हुआ. यानी नोएल टाटा रतन टाटा के सौतेले भाई हैं. शुक्रवार को हुई एक बैठक के बाद नोएल टाटा को टाटा चैरिटेबल ट्रस्ट का चेयरमैन चुन लिया गया है.

 

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