`रिंग ऑफ फायर` के पीछे खास रहस्य, क्या भारत में आएगा नजर ?
14 अक्टूबर को दुनिया के अलग अलग हिस्सों में सूर्य ग्रहण नजर आएगा. इसे रिंग ऑफ फायर भी कहा जा रहा है.सूर्य ग्रहण को अलग अलग नाम क्यों देते हैं इसे समझने के साथ साथ हम यह भी जानेंगे कि क्या सूर्य ग्रहण भारत में नजर आएगा.
रिंग ऑफ फायर के पीछे खास रहस्य, क्या भारत में आएगा नजर ?
खगोलीय घटनाएं हैरान कर देती है, वैज्ञानिक आज भी सूरज, धरती और चांद की चाल को समझने की कोशिश कर रहे हैं.
अमेरिका में आएगा नजर
इस दफा सूर्य ग्रहण की सबसे बड़ी खासियत यह है कि 2012 के बाद पहली बार यह अमेरिका के सभी हिस्सों में नजर आएगा. खासतौर से इस खगोलीय घटना को पश्चिमी गोलार्द्ध में देखा जा सकेगा.
खास खगोलीय घटना
इस खास खगोलीय घटना को रिंग ऑफ फायर के नाम से जाना जाता है. इसमें सूरज और धरती के बीच में चांद आ जाता है. चांद का हिस्सा इस तरह सूरज को ढंकता है जिसकी वजह से सूरज की किरणें बाहर की तरफ आने लगती हैं.
रिंग फायर की वजह
सूरज और धरती के बीच चांद इस तरह से खुद के लिए जगह बनाता है जिसमें दहकते हुआ गोला रिंग के आकार में दिखाई देने लगता है. इस तरह का घटना सामान्य तौर पर ग्रहण में नहीं दिखाई देती है. लेकिन 14 अक्टूबर को यह खास नजारा दिखेगा.
भारत में नहीं आएगा नजर
अगर बात भारत की करें तो यहां पर रिंग ऑफ फायर नजर नहीं आएगा, यह दुनिया के पश्चिमी गोलार्द्ध में नजर आएगा खास तौर से मेक्सिको के यूकैटन, ग्वाटेमाला, होंडुरास, कोस्टारिका में नजर आएगा.
नंगी आंखों से ना देखें
अगर आप सूर्य ग्रहण का दीदार करना चाहते हों तो खुली आंखों से ना देखें. इसके लिए आप खास चश्मे का इस्तेमाल कर सकते हैं, यदि चश्मा ना मिले तो आप किसी परात में पानी रख उसमें सूर्य ग्रहण को देख सकते हैं.