कौन हैं ऋतु सुहास, जिनके पास अखबार खरीदने के भी नहीं थे पैसे, अब PCS से बनीं IAS, रह चुकी हैं Mrs India
IAS Ritu Suhas Success Story: बेहद साधारण परिवार से आने वाली ऋतु सुहास ने अपनी मेहनत और साहस के दम पर यूपी के काबिल अफसरों के बीच अपनी खास जगह बनाई है. ऋतु ने यह जगह बेहद कड़ी मेहनत के बाद हासिल की है. एक समय था जब ऋतु प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी किया करती थी और उस समय उनके पास अखबार खरीदने के भी पैसे नहीं हुआ करते थे. हालंकि, उन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी हार नहीं मानी और आज उसी की नतीजा है कि ऋतु को खास प्रमोशन दिया गया है. ऋतु अब पीसीएस ऑफिसर से सीधा आईएएस ऑफिसर बन गई हैं.
यूपी पुलिस में प्रमोशन के बाद बनीं IAS
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के कई पीसीएस ऑफिसर्स को आईएएस ऑफिसर (IAS Officer) के पद पर प्रमोशन दिया गया है. जिन पीसीएस ऑफिसर्स को प्रमोशन दिया गया है, उसमें यूपी की मशहूर महिला अधिकारी ऋतु सुहास का भी नाम शामिल है. बता दें कि ऋतु सुहास 2005 बैच की पीसीएस ऑफिसर हैं. वह लोकप्रिय आईएएस अधिकारी सुहास एलवाई की पत्नी हैं और वह मिसेज इंडिया भी रह चुकी हैं.
तैयारी के दौरान अच्छे नहीं थे घर के हालात
ऋतु का जन्म 16 अप्रैल 1976 को लखनऊ में हुआ था. उनके पिता आरपी शर्मा लखनऊ हाई कोर्ट में वकील हैं और मां जनक देवी एक गृहिणी हैं. ऋतु सुहास ने अपनी शिक्षा के लिए काफी संघर्ष किया है. दरअसल, जब वह पढ़ाई कर रही थीं तो उनके पिता की आमदनी ज्यादा नहीं थी उसके घर में ऋतु के अलावा एक भाई और एक बहन भी थे, जिस कारण घर खर्च भी काफी ज्यादा था.
सरकारी नौकरी तैयारी रिश्तेदारों को नहीं आई रास
बचपन में रितु सुहास को हर छोटी-बड़ी चीज के लिए काफी संघर्ष करना पड़ा. उन्होंने अपनी पढ़ाई नवयुग गर्ल्स कॉलेज से पूरी की है. उस समय उनके परिवार में लड़कियों का बाहर जाना, ज्यादा पढ़ाई करना या नौकरी करना अच्छा नहीं माना जाता था. साल 2003 में जब ऋतु ने सरकारी नौकरी की तैयारी शुरू की तो उनके रिश्तेदारों को उनका यह फैसला पसंद नहीं आया.
आई ऐसी नौबत कि अखबार खरीदने के भी नहीं थे पैसे
हालांकि, यूपीपीसीएस परीक्षा की तैयारी के दौरान ऋतु को अपने माता-पिता का सहयोग मिला. लेकिन उनके पास कोचिंग की फीस भरने के लिए पैसे नहीं थे. इसलिए उन्होंने सेल्फ स्टडी के जरिए ही तैयारी करने की ठानी. वह हर दिन एक अंग्रेजी अखबार पढ़ती थी, लेकिन एक समय ऐसा भी आया जब महीने के आखिरी दिनों में उनके पास अखबार खरीदने तक के पैसे नहीं होते थे. ऐसे में इस समस्या का समाधान निकालने के लिए उन्होंने घर के आस-पास के बच्चों को ट्यूशन पढ़ाना शुरू कर दिया.
ऐसे बनीं थी ऑफिसर
बता दें कि ऋतु के साथ उनकी एक दोस्त भी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रही थी. दोनों मिलकर नोट्स बनाते थे. साल 2003 में यूपीपीसीएस रिजल्ट एक साल के लिए टाल दिया गया था. उस समय बेरोजगारी के दौर में रितु का सफर काफी मुश्किल हो गया. लेकिन साल 2004 में यूपीपीसीएस का रिजल्ट जारी होते ही उनके दिन बदल गए. रिजल्ट आते ही वह पीसीएस अधिकारी बन गईं. बता दें कि साल 2005 से 2023 तक उन्हें 15 पोस्टिंग मिल चुकी हैं.