ब्रह्मांड की उम्र से थोड़ा ही छोटा है! वैज्ञानिकों ने सबसे पुराने तारों में से एक को खोज निकाला

Ancient Star Discovered: वैज्ञानिकों ने हमारी आकाशगंगा (Milky Way) के बाहर मौजूद सबसे पुराने तारों में से एक की खोज की है. ब्रह्मांड के शुरुआती दिनों में बना यह सितारा मिल्की वे की सैटेलाइट गैलेक्सी- लार्ज मैजेलेनिक क्लाउड (LMC) में स्थित है. LMC को करीब 2.4 बिलियन साल के भीतर मिल्की वे में मिल जाना है. वैज्ञानिकों ने यूरोपियन स्पेस एजेंसी के गैया स्पेस टेलीस्कोप के डेटा में LMC के पुराने तारों को खोजा. फिर उन्होंने चिली में मौजूद टेलीस्कोप की मदद से 10 ऐसे तारों की खोज की जिनमें बाकी तारों से करीब 100 गुना कम आयर्न मिला. इसका मतलब यह था कि ये तारे बेहद प्राचीन थे. LMC-119 नाम के तारे ने वैज्ञानिकों का ध्यान खींचा. रिसर्च के मुताबिक, LMC-119 कम से कम 13 बिलियन साल पुराना है. अगर तुलना करनी ही है तो जान लें कि ब्रह्मांड की आयु 13.8 बिलियन साल मानी जाती है. इस तारे पर रिसर्च से वैज्ञानिकों को उस समय के बारे में पता चला है जब हमारा सूर्य बना भी नहीं था. यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो में चली रिसर्च के नतीजे Nature Astronomy जर्नल में छपे हैं. (Photos : ESO/ESA/NASA)

दीपक वर्मा Thu, 25 Apr 2024-3:43 pm,
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बिग बैंग के बाद कैसे हुआ तारों का निर्माण

बिग बैंग के ठीक बाद ही शुरुआती तारे बनने लगे थे. उस समय हाइड्रोजन और हीलियम, दो ही तत्व मौजूद थे. शुरुआती तारों में तीन-चौथाई हाइड्रोजन और एक-चौथाई हीलियम था. इन भीमकाय तारों ने बड़ी तेजी से अपना न्यूक्लियर ईंधन जला डाला, बाहरी परत उतार फेंकी और फिर सुपरनोवा के रूप में फट पड़े. उनके कोर में बने नए और भारी तत्व धमाके के बाद आसपास बिखर गए. पहली पीढ़ी के तारों की इसी राख से दूसरी पीढ़ी के तारे बने. यह चक्र लगातार चलता रहा, भारी तत्व बनते रहे. जीवन के लिए जरूरी ऑक्सीजन, हमारी हड्डियों में मौजूद कैल्शियम का निर्माण भी इसी प्रक्रिया से हुआ.

किसी तारे में इन तत्वों की मात्रा जानकर वैज्ञानिक उस तारे की उम्र जान सकते हैं. इन तारों की बाहरी परत में उनके नवजात दिनों के निशान मिलते हैं. उससे वैज्ञानिक यह पता लगा सकते हैं कि खरबों-खरब साल पहले जब तारे बने, तब कौन-कौन से तत्व किस मात्रा में बने. जितनी कम 'राख' जमा हुई होगी, वह तारा उतना ही पुराना होगा. नए तारों में पुरानी पीढ़‍ियों के भी तत्व मौजूद रहते हैं.

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दूसरी पीढ़ी के तारों की खोज

बिग बैंग के बाद पैदा हुए तारे कई बिलियन साल पहले ही मर चुके हैं. पहली पीढ़ी का कोई तारा अब मौजूद नहीं है. लेकिन, दूसरी पीढ़ी के कई तारों की खोज हुई है. उनमें से कई अब भी ब्रह्मांड में मौजूद हैं. वैज्ञानिकों ने मिल्की वे के भीतर ही दूसरी पीढ़ी के कई तारों की खोज की है. हमारी गैलेक्सी के हर एक लाख तारों में से बमुश्किल कोई एक ही दूसरी पीढ़ी का है. स्टडी के लीड ऑथर अनिरुद्ध चिती के मुताबिक, 'आप सच में भूसे के ढेर में सुई खोज रहे हैं.'

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प्राचीन तारों की तलाश में कहां पहुंचे वैज्ञानिक

इन प्राचीन तारों से हमें गैलेक्सी की शुरुआती परिस्थितियों के बारे में काफी कुछ पता चला है. अब वैज्ञानिक यह समझना चाहते हैं कि क्या मिल्की वे जैसी स्थितियां हर जगह थीं या अन्य आकाशगंगाओं के शुरुआती दिन अलग थे. इस सवाल का जवाब तलाशने के लिए वैज्ञानिकों ने मिल्की वे के पड़ोस में मौजूद LMC पर नजर डाली. LMC का आकार मिल्की वे से छोटा है और आखिरकार दोनों का विलय हो जाना है.

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कितनी है इस तारे की उम्र?

रिसर्च टीम ने LMC में मौजूद 10 प्राचीन तारों की खोज की. इनमें से एक LMC-119 बिल्कुल अलग था. हमारी आकाशगंगा के बाहर मिले सभी तारों में से इसका कॉस्मिक प्रदूषण सबसे कम था. इससे संकेत मिले कि यह सिर्फ एक सुपरनोवा से निकली गैस से बना था. यह भी कंफर्म हो गया कि यह दूसरी पीढ़ी का तारा है और बेहद पुराना है. स्टडी के मुताबिक, 'LMC-119 कम से कम 13 बिलियन साल पुराना है.' वैज्ञानिक हमारे ब्रह्मांड की उम्र 13.8 बिलियन साल बताते हैं.

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कभी हमारे करीब, आज बहुत दूर

आज LMC हमसे करीब 1,60,000 प्रकाश वर्ष की दूरी पर है. हालांकि, स्टडी के मुताबिक, जब शुरुआती तारे बन रहे थे, उस समय LMC सिर्फ 60 लाख प्रकाश वर्ष दूर थी. एक और दिलचस्प बात यह पता चली कि LMC-119 में हमारी गैलेक्सी के प्राचीन तारों के मुकाबले काफी कम कार्बन है. इससे यह संकेत मिले कि हमारी नौजवान मिल्की वे का वातावरण LMC से अलग था.

 

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