अन्याय के खिलाफ उठाई आवाज, कम उम्र में दी शहादत, आज भी शहीद-ए-आजम के ये क्रांतिकारी विचार जगाते हैं देशप्रेम की भावना
Shaheed Bhagat Singh Birth Anniversary: भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के महान क्रांतिकारियों में से एक शहीद भगत सिंह को आज पूरा देश फिर नमन कर रहा है. आज, 28 सितंबर 1907 को जन्मे भगत सिंह की 116वीं जन्म जयंती मनाई जा रही है. उनका जन्म बंगा, पंजाब (अब पाकिस्तान) में हुआ था. ब्रिटिश शासन से भारत को आजाद कराने के लिए वह कम उम्र में ही स्वतंत्रता आंदोलन में कूद पड़े थे. अंग्रेजों के खिलाफ जाने के कारण उन्हें फांसी की सजा सुनाई और उन्हें 23 मार्च 1931 को लाहौर जेल में फांसी दे दी गई. सालों बाद भी उनके विचार हमारे अंदर देशप्रेम की भावना को और बढ़ाते हैं. आज भगत सिंह की बर्थ एनिवर्सरी पर हम आपके लिए उनके 10 क्रांतिकारी विचार लेकर आए हैं, जो आपके जीवन को सही दिशा देने में बहुत मददगार साबित होंगे.
प्रेमी, पागल और कवि एक ही चीज से बने होते हैं.
मैं एक मानव हूं और जो कुछ भी मानवता को प्रभावित करता है उससे मुझे मतलब है.
सरफरोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है जोर कितना बाजू-ए-कातिल में है.
इस कदर वाकिफ है मेरी कलम मेरे जज़्बातों से, अगर मैं इश्क़ लिखना भी चाहूं तो इंकलाब लिखा जाता है.
जिंदगी तो अपने दम पर ही जी जाती है, दूसरों के कंधे पर तो सिर्फ जनाजे उठाए जाते हैं.
मेरे जीवन का केवल एक ही लक्ष्य है और वो है देश की आज़ादी. इसके अलावा कोई और लक्ष्य मुझे लुभा नहीं सकता.
जिन्दा रहने की हसरत मेरी भी है, पर मैं कैद रहकर अपना जीवन नहीं बिताना चाहता.
मरकर भी मेरे दिल से वतन की उल्फत नहीं निकलेगी, मेरी मिट्टी से भी वतन की ही खुशबू आएगी.
राख का हर एक कण मेरी गर्मी से गतिमान है. मैं एक ऐसा पागल हूं जो जेल में भी आजाद है.
वे मुझे मार सकते हैं, लेकिन वे मेरे विचारों को नहीं मार सकते. वे मेरे शरीर को कुचल सकते हैं, लेकिन वे मेरी आत्मा को कुचलने में सक्षम नहीं होंगे.