मरने के बाद मैंने भगवान के साथ 3 घंटे बिताए... कोमा में गई लड़की ने किया दावा, बताया पूरा किस्सा

एक महिला का दावा है कि कोमा में जाने से पहले वह अपनी मृत्युशय्या पर 3 घंटे भगवान के साथ रहीं और फिर होश में आ गईं. 24 साल की मारियान्द्री कार्डेनास घर से काम कर रही थीं, तभी अचानक उनका गला बंद होने लगा और उन्हें दम घुटने लगा. इससे पहले कि वह कुछ समझ पातीं, उनका शरीर अकड़ गया और उन्हें लगा कि उनका चेहरा सुन्न हो गया और वह बोल भी नहीं पा रहीं थीं.

अल्केश कुशवाहा Wed, 03 Jul 2024-10:37 am,
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शांति और खुशी महसूस हुई

ग्वाटेमाला की रहने वाली ये इंफ्लुएंसर महिला ने बताया, "मैंने अपने आसपास के रंगों को अलग तरह से देखा और मुझे पहले कभी इतनी शांति और खुशी महसूस नहीं हुई. भगवान उठे और मुझे अपने साथ ले गए, उन्होंने मुझे बाकी लोगों से अलग ले जाकर बताया कि मुझे वापस लौटना होगा. मैं नहीं समझी और मैंने उनसे पूछा कि कहां और क्यों?"

'स्वर्ग में 3 घंटे, धरती पर 3 दिन' उसने आगे बताया, "उन्होंने मुझे समझाया कि मैं वापस लौटूंगी, लेकिन अभी मुझे वापस जाना होगा क्योंकि मेरा समय नहीं आया था." कुछ ही देर बाद मारियान्द्री कोमा से बाहर आ गईं. उन्होंने कहा, "मेरे लिए स्वर्ग में ये तीन घंटे थे, लेकिन धरती पर ये तीन दिन थे. एक दिन बाद मैं उचित आराम और देखभाल के साथ घर वापस जाने में सक्षम हो गई."

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मुझे पता है वो भगवान ही थे

खबर के मुताबिक, लड़की ने आगे बताया, "मैं भी उसी तरह बात कर रही थी, लेकिन मेरे लिए ये बिलकुल सामान्य लगा क्योंकि मुझे लगता था कि मैं हमेशा से वहीं रहती थी. मुझे अपना बीता जीवन, मेरा परिवार या धरती, कुछ भी याद नहीं था. मेरे लिए वो सब कभी अस्तित्व में ही नहीं था. मुझे उन सभी रोशनी वाले जीवों से बहुत प्यार का एहसास हुआ. मुझे लगा जैसे वो सब मेरे अंग हैं और मैं उनका. मेरे सामने भगवान बैठे थे. मुझे पता है वो भगवान ही थे क्योंकि वो सबसे बड़ी रोशनी थे, वही थे जो पूरी जगह को चमका रहे थे. मैं उनका चेहरा नहीं देख सकती थी, लेकिन मुझे पता था वो हंस रहे थे."

 

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रोशनी से भरी थी ये जगह

मारियान्द्री ने कहा, "मैं एक ऐसी जगह पर दिखाई दी जो रोशनी से भरी हुई थी, लेकिन वहां सूरज, चांद या तारे नहीं थे. मैं एक लंबी मेज पर बैठी थी, जिस पर ऐसा खाना था जिसे मैंने पहले कभी नहीं देखा था. वहां कई लोग थे, जिनके शरीर इंसानों जैसे नहीं थे बल्कि वे रोशनी के बने हुए थे. वे आपस में बात नहीं करते थे, बल्कि अपने दिमाग से एक-दूसरे के विचारों को सुनते और समझते थे."

 

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किसी और दुनिया में चली गई

डेली स्टार में छपी खबर के मुताबिक, ग्राफिक डिज़ाइनर मारियान्द्री ने बताया, "मैं कुछ सुन नहीं पा रही थी और मेरा शरीर भी हरकत नहीं कर रहा था. आखिरी चीज जो मैंने सुनी वह थी एक नर्स या डॉक्टर जो ये कह रहे थे कि वो हमें छोड़कर चली गईं. और एक झटके में मैं धरती पर दूर जाती हुई नजर आ रही थी और कहीं और चली गई." कहा जा रहा है कि यही वह वक्त था जब मारियान्द्री भगवान से मिलीं.

 

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कोमा में जाने से पहले भाई को किया टेक्स्ट

गनीमत रही कि अपनी सारी शारीरिक हरकतें खोने से पहले ही मारियान्द्री अपनी मां और भाई को मदद के लिए एक टेक्स्ट भेज पाईं. वे घर पहुंचे तो उन्हें बेहोश पाया. ग्वाटेमाला की रहने वाली 24 साल की इस लड़की को अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उन्हें कोमा में डाल दिया, क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि अस्थमा की बीमारी के कारण ही ये हुआ है.

 

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