सुनीता विलियम्स: इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर कोई इमरजेंसी हो गई तो? क्या है NASA का प्लान
Sunita Williams News: सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर की सकुशल वापसी पर पूरी दुनिया की नजरें टिकी हैं. दोनों एस्ट्रोनॉट मिड-जून से अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (International Space Station or ISS) पर `फंसे` हुए है. बोइंग के जिस Starliner स्पेसक्राफ्ट से सुनीता और बुच ISS तक गए थे, उसकी तकनीकी खामियां दूर अब तक दूर नहीं की जा सकी हैं. ऐसे में यह सवाल उठने लगा है कि अमेरिकी स्पेस एजेंसी NASA आखिर कब तक दोनों एस्ट्रोनॉट्स को वापस पृथ्वी पर लाने में सफल होगी? इस बीच, अगर स्पेस स्टेशन पर कोई इमरजेंसी हो जाती है तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर का क्या होगा?
इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन पर इमजरेंसी आई तो क्या होगा?
NASA के अनुसार, अगर स्पेस स्टेशन पर किसी तरह की इमजरेंसी होती है तो सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर समेत सभी एस्ट्रोनॉट्स को 'तेजी से स्टेशन से रवाना होना' पड़ेगा. दोनों के लिए स्टारलाइनर ही प्राइमरी ऑप्शन है.
क्या इमरजेंसी में जरूरत पड़ सकती है?
नासा का कहना है कि 'उन्हें वापस घर लाने की कोई अर्जेंट जरूरत नहीं है.' अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के मुताबिक, वह 'एक्स्ट्रा टाइम का इस्तेमाल स्टारलाइनर की तकनीकी खामियों को समझने में लगा रही है, वापसी की योजना पर बाद में फैसला किया जाएगा.'
सिर्फ 8 दिन में पूरा होना था मिशन
बोइंग स्टारलाइनर के टेस्ट मिशन में, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर को लिफ्ट ऑफ (05 जून 2024) के आठ दिनों के भीतर वापस लौट आना था. स्पेसक्राफ्ट के थ्रस्टर्स में गड़बड़ी के साथ हीलियम लीक की दिक्कतें आने लगीं. दोनों एस्ट्रोनॉट्स को अब ISS पर सवा दो महीने से ज्यादा हो चुके हैं. दोनों की वापसी की तारीख पर सस्पेंस बरकरार है.
स्टारलाइनर के साथ क्या प्रॉब्लम है?
05 जून को लॉन्च के साथ ही, स्टारलाइनर में गड़बड़ियां सामने आने लगी थीं. इनमें पांच हीलियम लीक, पांच मैनूवरिंग थ्रस्टर फेल्योर और एक प्रोपेलेंट वाल्व जो पूरी तरह से बंद नहीं हो पाया, शामिल हैं. ये समस्याएं ऐसी थीं जिनको मिशन के बीच में ही ठीक करना था और अतिरिक्त टेस्ट करने थे. इसी वजह से एस्ट्रोनॉट्स की वापसी में देरी हो रही है.
अगर स्टारलाइनर नाकारा साबित हुआ तो?
अगर NASA को यह लगता है कि स्टारलाइनर दोनों एस्ट्रोनॉट्स को सुरक्षित वापस लाने में सफल नहीं होगा तो एक विकल्प यह होगा कि उन्हें SpaceX के Crew Dragon पर बिठाकर लाया जाए. यह अभी ISS पर ही डॉक्ड है और इमरजेंसी की स्थिति में अतिरिक्त एस्ट्रोनॉट्स को बिठा सकता है. हालांकि, अभी इस विकल्प को असंभव माना जा रहा है, क्योंकि अगर जरूरत हो तो स्टारलाइनर अब भी एक 'एस्केप पॉड' के रूप में काम कर सकता है.
Boeing और NASA का सिरदर्द बना मिशन
स्टारलाइनर के साथ आई दिक्कतें Boeing के लिए शर्मिंदगी की वजह बन गई हैं. यह मिशन वह आखिरी टेस्ट है जिसके बाद NASA स्टारलाइनर को ISS तक एस्ट्रोनॉट्स को ले जाने और वापस लाने में सक्षम स्पेसक्राफ्ट के रूप में मान्यता दे देगा. अभी ऐसे मिशनों के लिए SpaceX के Crew Dragon को ही सर्टिफिकेट मिला हुआ है.