Russia Tobol Weapon: कौन जाम कर रहा हवा में उड़ते विमानों के सिग्नल? कहीं रूस का यह सीक्रेट वेपन तो नहीं!

Russia Secret Weapon Tobol: बाल्टिक सागर के ऊपर से उड़ान भरने वाले विमान इलेक्‍ट्रॉनिक हमलों से जूझ रहे हैं. उनके सिग्नल जाम कर दिए जा रहे हैं. इन हमलों की वजह से हजारों फ्लाइट्स के सैटेलाइट नेविगेशन पर असर पड़ा है. एयरक्राफ्ट्स के लिए तय रूट पर उड़ान भरना मुश्किल हो जा रहा है. पश्चिमी मीडिया की रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन हमलों के पीछे रूस का एक सीक्रेट हथियार हो सकता है. The Sun के मुताबिक, इसे Tobol कहा जाता है. रूस ने पहले NATO के पूर्वी तट पर जहाजों के सिग्नल जाम करने के लिए Tobol का यूज किया था. रिपोर्ट के अनुसार, यह सीक्रेट वेपन सिस्टम पोलैंड और लिथुआनिया के बीच, कैलिनिनग्राद में मौजूद रूसी सेना के बस पर तैनात है. द सन ने एक बड़ी सैटेलाइट डिश की तस्वीरें भी छापी हैं, यह बताते हुए कि य‍ह Tobol का हिस्सा है. हालांकि, अभी तक इसकी पुष्टि नहीं हुई कि यही रूस का सीक्रेट वेपन है. (Photo : AI/Dall-E)

दीपक वर्मा Tue, 23 Apr 2024-4:08 pm,
1/5

रूस क्यों कर रहा Tobol का इस्तेमाल?

द सन के मुताबिक, रूस ने 10 जगहों पर ऐसी डिवाइसेज तैनात कर रखी हैं. सैटेलाइट सिग्नल जाम करके रूस अपने मिलिट्री बेसेस को NATO मिसाइलों का निशाना बनने से बचा सकता है. सिग्‍नल जैमिंग से हथियार कंफ्यूज हो जाते हैं लेकिन मिसाइलों में धमाका नहीं रुकता. (File Photo : AP)

2/5

Tobol: कैसे काम करता है जैमिंग का सिस्टम

द वाशिंगटन पोस्ट के अनुसार, सिग्‍नल जैमिंग दो तरीकों से होती है. एक तरीका यह है कि सीधे सैटेलाइट्स को टारगेट किया जाए. दूसरे तरीके में जमीन पर मौजूद रिसीवर्स को निशाना बनाया जाता है. सैटेलाइट्स जैमिंग के लिए ओरिजिनल ब्रॉडकास्ट के साथ एक सिग्नल और ब्लेंड किया जाता है. इससे उस सैटेलाइट के सभी यूजर्स को घिचपिच डेटा मिलता है. (Photo : AI/Dall-E)

3/5

दुश्मन को पंगु बना देता है Tobol

द सन के मुताबिक, Tobol को हर तरह के सैटेलाइट सिग्नल बर्बाद करने के लिए बनाया गया है. यह किसी भी हथियार, लड़ाकू विमान या अन्य डिवाइस के सिग्नल जाम कर सकता है. द वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, रूस का यह सीक्रेट हथियार उसी फ्रीक्वेंसी पर सिग्‍नल ट्रांसमिट करता है, जिस फ्रीक्वेंसी पर टारगेट कम्युनिकेट कर रहा होता है. नतीजा यह होता है कि टारगेट को सही सिग्नल नहीं मिल पाते. (Photo : AI/Dall-E)

4/5

GPS सिग्नल से भी हुई छेड़छाड़!

पिछले कुछ महीनों में फिनलैंड, पोलैंड और स्वीडन समेत कई देशों ने जीपीएस में बार-बार डिस्टरबेंस झेली. स्वीडन के लेफ्टिनेंट कर्नल जोकिम पासिकीवी ने कहा था कि यह दखलअंदाजी 'रूस प्रभावित गतिविधियों या तथाकथित हाइब्रिड वारफेयर' का नतीजा हो सकती है. इसी साल जनवरी में, एस्टोनिया की सॉफ्टवेयर कंपनी SensusQ के एरिक कन्निके ने X (पहले ट्विटर) पर Tobol के यूज का दावा किया था. (Photo : AI/Dall-E)

5/5

यूक्रेन में स्टारलिंक को भी बनाया निशाना!

पिछले साल अप्रैल में द वाशिंगटन पोस्ट ने एक रिपोर्ट छापी. उसमें दावा किया गया था कि रूस ने Tobol की मदद से यूक्रेन में स्टारलिंक का ट्रांसमिशन रोकने की भी कोशिश की थी. अखबार ने अमेरिकी खुफिया रिपोर्ट के हवाले से यह दावा किया था. (Photo : AI/Dall-E)

ZEENEWS TRENDING STORIES

By continuing to use the site, you agree to the use of cookies. You can find out more by Tapping this link