अब SIM Port कराने के लिए नहीं करना पड़ेगा ज्यादा इंतजार, 1 जुलाई से बदल रहे हैं नियम, कितना होगा वेटिंग पीरियड?

SIM Port Rules Change in India: अपने मोबाइल नंबर को एक कंपनी से दूसरी में बदलवाने के प्रोसेस को सिम पोर्ट कहा जाता है. अभी तक देश में सिम पोर्ट कराने के लिए लोगों को 10 दिन का इंतजार करना पड़ता था. लेकिन, अब इस नियम में बदलाव किया गया है. आइए आपको बताते हैं कि अब वेटिंग पीरियड कितना होगा.

रमन कुमार Sat, 29 Jun 2024-5:21 pm,
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1 जुलाई 2024 बदल रहा नियम

1 जुलाई 2024 से सिम पोर्ट कराने का नियम बदल रहा है. भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (TRAI) ने बताया है कि अब सिम बदलवाने के बाद सिर्फ 7 दिन इंतजार करना होगा, पहले 10 दिन का इंतजार करना पड़ता था. ये बदलाव इसलिए किया जा रहा है ताकि लोगों को दिक्कत न हो.

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सिम पोर्ट

अपने मोबाइल नंबर एक टेलीकॉम कंपनी से दूसरी कंपनी में बदलवाने की प्रक्रिया को सिम पोर्ट कहते हैं. SIM स्वैप स्कैम से बचने के लिए सिम पोर्ट होने से पहले थोड़ा इंतजार करना पड़ता है. पहले ये समय 10 दिन था, जिसे अब घटाकर 7 कर दिया गया है.

 

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SIM स्वैप स्कैम क्या है?

SIM स्वैप स्कैम में स्कैमर फिशिंग के जरिए लोगों की जानकारी चुरा लेते हैं. फिशिंग में जालसाजी वाले ईमेल या मैसेज भेजे जाते हैं. ये मैसेज या तो किसी कंपनी या बैंक के नाम पर भेजे जा सकते हैं. इनमें ऐसे लिंक या फाइल होते हैं जिनसे आपके फोन में मालवेयर डाउनलोड हो जाता है, जो आपकी पर्सनल जानकारी चुरा सकता है.

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धोखाधड़ी

फिर हैकर्स चुराई गई जानकारियों का इस्तेमाल करके, मोबाइल कंपनी के पास जाकर अपना फर्जी दस्तावेज दिखाते हैं और बताते हैं कि उनका फोन चोरी हो गया है. इसके बाद मोबाइल कंपनी एक नई सिम जारी कर देती है और उसमें आपका नंबर पोर्ट कर देती है. फिर चोर इस नई सिम का इस्तेमाल कर आपके बैंक अकाउंट से पैसे निकालने के लिए जरूरी ओटीपी हासिल कर लेते हैं.

 

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नए सिम पोर्टिंग नियम क्या हैं?

ये नए नियम दूरसंचार मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी (नौवां संशोधन) विनियम, 2024 का हिस्सा हैं, जिन्हें TRAI ने 14 मार्च 2024 को जारी किया था. इन नियमों में पहले भी आठ बार बदलाव किए जा चुके हैं. TRAI ने अपने बयान में लिखा है कि "ये संशोधन नियम मोबाइल नंबर पोर्टिंग को धोखाधड़ी वाले सिम स्वैप या बदलाव से रोकने के लिए बनाए गए हैं."

 

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